पिथौरागढ़ कशिश हत्याकांड: नौ साल बाद क्यों फिर गरमाया मामला, अब सरकार ने उठाया बड़ा कदम

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पिथौरागढ़ कशिश हत्याकांड Pithoragarh Kashish murder case

Kashish murder case Pithoragarh: पिथौरागढ़ जिले की मासूम बच्ची Kashish से जुड़े दुष्कर्म और हत्या के मामले ने एक बार फिर उत्तराखंड की राजनीति और जनभावनाओं को झकझोर दिया है। 2014 में हुए इस दर्दनाक कांड में अब सुप्रीम कोर्ट द्वारा आरोपी को बरी कर दिए जाने के बाद देवभूमि उत्तराखंड में आक्रोश फैल गया है।

कशिश हत्याकांड क्या है? (What is Kashish murder case?)

20 नवंबर 2014 को पिथौरागढ़ निवासी 7 साल की कशिश हल्द्वानी (Haldwani) के शीशमहल स्थित रामलीला ग्राउंड में एक शादी समारोह के दौरान अचानक लापता हो गई थी। छह दिन बाद उसका शव गौला नदी से बरामद हुआ। पोस्टमॉर्टम में इस मासूम के साथ दुष्कर्म और फिर हत्या की पुष्टि हुई थी।

2014 में भी हुआ था जनाक्रोश

मामले के सामने आते ही पूरे प्रदेश में गुस्से की लहर दौड़ पड़ी थी। जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हुए और कानून-व्यवस्था को लेकर सरकार पर सवाल उठे। पुलिस ने इस घटना में मुख्य आरोपी अख्तर अली समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था।

कोर्ट से सजा और फिर राहत

मार्च 2016 में स्पेशल कोर्ट ने मुख्य आरोपी अख्तर अली को फांसी की सजा सुनाई थी, जिसे 2019 में हाईकोर्ट ने भी बरकरार रखा। लेकिन हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में आरोपी को बरी कर दिया। इस निर्णय के बाद पीड़ित परिवार और प्रदेशभर में लोगों का आक्रोश फिर से सामने आया है।

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अब क्यों गरमाया मामला?

करीब नौ साल तक यह केस कानूनी प्रक्रिया में चलता रहा, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले ने पूरे राज्य को झकझोर दिया। आम जनता से लेकर राजनीतिक हलकों तक में न्याय की मांग तेज हो गई। यही वजह है कि धामी सरकार अब सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दाखिल करने की तैयारी कर रही है, ताकि आरोपी को फिर से सख्त सजा दिलाई जा सके