17 जुलाई को है सोमवती अमावस्या, सुख समृद्धि के लिए पितरों के आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए इस दिन व्रत के साथ करें यह उपाय व्रत के दिन करें यह उपाय

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हल्द्वानी एसकेटी डॉट कॉम इस बार 17 तारीख क

जुलाई महीने की 17 तारीख को सोमवती अमावस्या पढ़ रही है इस दिन सावन के महीने महाद्वीप की पूजा के साथ पितरों को खुश करने के लिए इस तरह से उपाय करने चाहिए ताकि पितरों का आशीर्वाद आप की सुख समृद्धि के लिए मिलता रहे। सुख समृद्धि के लिए पितरों का आशीर्वाद होना जरूरी होता है अगर पितरों का दोष है तो उस दिन विशेष रूप से पूजा अर्चना करके दूसर को दूर किया जाता है तथा पितरों को खुश किया जाता है इसकी वजह से आपकी जीवन में खुशहाली आ सकती है

हर इंसान के घर में पितृ होते है और उनके दोष को दूर करने के लिए लोग सोमवती अमावस्या को कई तरह के उपाय करते हैं। सावन के महीने में आने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहते हैं जो इस बार 17 जुलाई 2023 को है। इस दिन सोमवार होने से आप सोमवार का व्रत करके दोगुना फल प्राप्त कर सकते हैं।

सोमवती अमावस्या के दिन को नाराज पितरों को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए बेहद शुभ माना गया है। पितृ दोष को दूर करने के लिए सोमवती अमावस्या को स्नान-दान, तर्पण, पिंड दान करना चाहिए। जिससे जीवन में आ रही परेशानी जैसे आर्थिक तंगी, विवाह में परेशानी, बीमारी, नुकसान आदि दूर हो सके।

Somvati Amavasya : पितृ दोष को करना चाहते है दूर तो सोमवती अमावस्या को करें ये उपाय….

Somvati Amavasya : पितृ दोष को करना चाहते है दूर तो सोमवती अमावस्या को करें ये उपाय….

Somvati Amavasya : हर इंसान के घर में पितृ होते है और उनके दोष को दूर करने के लिए लोग सोमवती अमावस्या को कई तरह के उपाय करते हैं। सावन के महीने में आने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहते हैं जो इस बार 17 जुलाई 2023 को है। इस दिन सोमवार होने से आप सोमवार का व्रत करके दोगुना फल प्राप्त कर सकते हैं।

नाराज पितरों कप करें प्रसन्न

सोमवती अमावस्या के दिन को नाराज पितरों को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए बेहद शुभ माना गया है। पितृ दोष को दूर करने के लिए सोमवती अमावस्या को स्नान-दान, तर्पण, पिंड दान करना चाहिए। जिससे जीवन में आ रही परेशानी जैसे आर्थिक तंगी, विवाह में परेशानी, बीमारी, नुकसान आदि दूर हो सके।

सोमवती अमावस्या को करें ये उपाय

  • इस दिन शिवजी की पूजा करने के बाद ‘ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय च धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात’ का 108 बार जाप करें।
  • इस दिन सुबह जल्दी स्नान करने के बाद पीपल के पेड़ की पूजा करनी चाहिए। पीपल के पेड़ की जड़ में दूध और जल चढ़ाकर जनेऊ अर्पित करें और तेल का दीया जलाएं। इसके बाद ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः’ जाप करें और पेड़ की 108 परिक्रमा करें। इससे पितरो का आशीर्वाद मिलता है।
  • सावन की सोमवती अमावस्या को भगवान शिव की पूजा करने के बाद ‘ॐ नमः शिवाय‘ मंत्र का जाप करें। इसके बाद उन्हें आक के 21 फूल अर्पित करें। इसके साथ ही धतूरा, बेलपत्र, दही और दूध से भी पूजा करें। इसके साथ ही भगवान शिव से पितृ दोष निवारण की कामना करे, जिससे सभी दुख और संकट दूर होंगे।
  • इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने के बाद पितरों को याद करते हुए कुश की पवित्री पहनकर तर्पण करें। ऐसा करने से नाराज पितृ प्रसन्न होते है।
  • पितृदोष के निवारण के लिए सोमवती अमावस्या पर गाय, कुत्ते या कौआ आदि को भोजन कराएं। ये पितृ दोष से मुक्ति और उनका आशीर्वाद पाने का सबसे अच्छा उपाय है।