अब चीन की हर सैन्य गतिविधि पर नजर रखेगा भारत, बॉर्डर पर किया जाएगा ये काम
बॉर्डर पर चीन की सैन्य गतिविधियां बढ़ रही है और इसके साथ ही चीन संरचनात्मक ढांचे में भी बदलाव कर रहा है। लेकिन अब चीन पर नजर रखने के लिए भारत ने भी तैयारी कर ली है। भारत अब उत्तराखंड के चमोली जिले से लगते चीन बार्डर पर नए बंकर और कैंप बनाएगा। जिससे चीन की हर गतिविधि पर नजर रखी जा सकेगी।
चीन सीमा के उस पार सैन्य गतिविधियों में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। इसके साथ ही बार्डर पर संरचनात्मक ढांचे में भी चीन बदलाव कर रहा है। मिली जानकारी के मुताबिक चीन सीमा के उस पार हो रही सैन्य गतिविधियों पर नजर रखने के लिए अब बार्डर पर नए बंकर, कैंप और चौकियां बनाई जाएंगी।
गंगोत्री नेशनल पार्क सेना और आईटीबीपी को देगा जमीन
बार्डर पर नए बंकर, कैंप और चौकियां बनाने के लिए गंगोत्री नेशनल पार्क सेना और आईटीबीपी को जमीन देगा। गंगोत्री नेशनल पार्क 51 हेक्टेयर भूमि देने के लिए तैयार हो गया है। उत्तरकाशी के सीमावर्ती क्षेत्रों में सेना के प्रस्ताव पर इस जमीन के हस्तांतरण की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
सेना ने केंद्र सरकार को भेजा था भूमि हस्तांतरण का प्रस्ताव
उत्तरकाशी क्षेत्र में स्थित नेलांग सहित जादूंग और सुमला पीडीए का क्षेत्र गंगोत्री नेशनल पार्क के अंतर्गत आता है। जो कि भारत-चीन अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित है। इस जगह पर पार्क प्रशासन की अनुमति के कोई भी निर्माण कार्य नहीं किया जा सकता है। लेकिन इस स्थान पर सेना को सैन्य विस्तार के लिए भूमि की जरूरत थी। तो सेना ने 51 हेक्टेयर भूमि के हस्तांतरण का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था।
पार्क प्रशासन ने भूमि हस्तांतरण प्रक्रिया की शुरू
दो दिन पहले ही वन संरक्षक राजाजी टाइगर रिजर्व फॉरेस्ट निदेशक डॉ. साकेत बडोला ने गंगोत्री नेशनल पार्क का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने सैन्य अफसरों से भी बातचीत की था। जिसके बाद उन्होंने गंगोत्री नेशनल पार्क के अधिकारियों को जमीन हस्तांतरण के लिए निर्देश दिए। जिसके बाद अब पार्क प्रशासन ने भूमि हस्तांतरण प्रक्रिया को शुरू कर दिया है।
लंबे समय से महसूस हो रही थी सैन्य विस्तार की जरूरत
प्रदेश के उत्तरकाशी जिले के इस क्षेत्र में सेना और आईटीबीपी द्वारा 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान कैंप, चौकियां व बंकर बनाए थे। लेकिन चीन सीमा के उस पार लगातार बढ़ती गतिविधियों के कारण सीमा के इस पार भी लंबे समय से सैन्य विस्तार की जरूरत महसूस की जा रही है। जिसके बाद अब ये कदम उठाया गया है। इन कैंप, चौकियां व बंकरों क बन जाने से भारत-चीन सीमा पर सुरक्षा को मजबूती मिलेगी।
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