रिटायरमेंट के दिन एनके शर्मा पर हुआ मुकदमा दर्ज, जानिए क्या है पूरा मामला

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जहां लोग अपनी सेवानिवृत्ति के बाद रिटायरमेंट की पार्टी देते हैं लेकिन अगर उनकी खुशियां गम में बदल जाए और रिटायरमेंट के दिन ही मुकदमा दर्ज हो जाए तब क्या होगा अब आप सोचेंगे इस पर के बाद क्यों कर रहे हैं तो आपको बता दें कि ऐसा ही मामला सहायक निदेशक एनके शर्मा का सामने आ रहा है बता दें कि जिस दिन सहायक निदेशक एनके शर्मा का रिटायरमेंट पार्टी होनी थी उसी दिन उन्हीं के ऊपर मुकदमा दर्ज हो गया .रिटायरमेंट के दिन ही एन के शर्मा पर शासन के आदेश के पर 17 दिन बाद आखिरकार शर्मा के खिलाफ जिला समाज कल्याण कार्यालय के कार्मिकों द्वारा डालनवाला थाने में विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। उन पर फर्जीवाड़ा करने का भी आरोप है।बता दें कि इस मुकदमे में एन.के. शर्मा के साथ-साथ संलिप्त रहे समाज कल्याण के अन्य कार्मिकों को भी आरोपी बनाया गया है। विजिलेंस ने जुलाई में एन के शर्मा के विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मुक़दमा दर्ज करा चुकी है।

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कई दिनों से विरोध हो रहा था कि उनके खिलाप मुकदमा दर्ज क्यों नहीं किया जा रहा है और आखिरकार उनके रिटायरमेंट के दिन ही मुकदमा दर्ज हो गया।बता दें कि डालनवाला थाने एन. के. शर्मा के खिलाफ फर्जी निजी फर्म को भुगतान करने और अनुसूचित जाति/जनजाति की योजनाओं के आवंटित धनराशि को रुपये 109.04 लाख को निजी हित में पद का दुरुपयोग के साथ ही नियमों के विपरित अपनी पत्नी/स्वयं द्वारा संचालित ट्रस्ट के आसपास कराने के आरोप हैं। शर्मा के विरुद्ध विजिलेंस की खुली जांच में तहसील ऋषिकेश के साथ मिलीभगत कर ग्राम डांडी में 0.77 हेक्टेयर सरकारी भूमि को अपने नाम कराने के भी आरोप हैं।इस मामले के सम्बंध में संयुक्त सचिव, समाज कल्याण ने 13 अक्तूबर को सचिव, राजस्व से मुक़दमा दर्ज कराने का अनुरोध किया गया था लेकिन राजस्व विभाग कोई कार्यवाही नहीं की गई थी। विजिलेंस की खुली जांच में एन. के. शर्मा पर यह भी आरोप हैं कि उनके द्वारा 3.5 बीघा सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर बाउंड्रीवाल बना ली गई। विजिलेंस द्वारा राजस्व विभाग से इस प्रकरण की विधिक कार्यवाही करने की संस्तुति की गई है। इन प्रकरणों में राजस्व विभाग द्वारा कार्यवाही की जानी शेष है।
विजिलेंस की संस्तुति में एन. के. शर्मा के खिलाफ जनपद नैनीताल, पौड़ी में भी योजनाओं में फर्जीवाड़े के आरोप हैं। इन प्रकरणों में विभाग द्वारा 13 अक्तूबर को शर्मा के खिलाफ विभागीय कार्यवाही प्रारंभ करते हुए कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए 15 दिन में जवाब देने के आदेश हुए हैं।