मैच से कुछ दिन पहले मां का निधन, डॉक्टर की गलती से खराब हुए पैर, भावुक कर देगी गोल्ड मेडलिस्ट Harvinder Singh की कहानी

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Paris Paralympics 2024 gold medalist Harvinder Singh Emotional Story

वो कहते है ना अगर आपके हौसले बुलंद हो और जीवन में कुछ करने की चाह हो तो कोई भी मंजिल मुश्किल नहीं होती। ऐसा ही कुछ कहानी Paris Paralympics 2024 के गोल्ड मेडलिस्ट हरविंदर(Harvinder Singh) सिंह की है। पैरालंपिक 2024 में भारत के एथलीट पैरा तीरंदाज हरविंदर सिंह ने गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया। इस एथलीट की कहानी काफी इमोशनल है। बचपन से ही हरविंदर ने अपनी जिदंगी में काफी स्ट्रग्ल किया है। लेकिन इस दौरान उनका हौंसला नहीं टूटा। चलिए जानते है भावुक कर देने वाली हरविंदर की ये कहानी।

Harvinder Singh Wins Gold in paralympics 2024 archery

मैच से पहले Harvinder Singh की मां का हुआ निधन

काफी कम लोगों को इस बारे में पता होगा कि हरविंदर सिंह(Harvinder Singh) के मैच से करीब 20 दिन पहले उनकी मां का निधन हो गया था। पेरिस पैरालंपिक में गोल्ड मेडल जीतने के बाद उन्होंने इस बात का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि वो मां के निधन से मानसिक रूप से काफी दबाव में थे। उन्होंने बताया कि अफनी लाइफ में उन्होंने बहुत कुछ खोया है। मां के आशीर्वाद की वजह से ही वो गोल्ड मेडल जीत पाए।

gold medalist Harvinder Singh

डॉक्टर की गलती से खराब हुए पैर

हरियाणा के कैथल निवासी हरविंदर सिंह ने बचपन से ही चुनौतियों का सामना किया है। जब हरविंदर डेढ साल के थे तब उन्हें डेंगू बुखार हुआ था। डॉक्टर ने उन्हें इंजेक्शन लगाया है। उस इंजेक्शन का असर कुछ ऐसा हुआ कि उनके दोनों पैर काम नहीं करें। पैरों के काम ना करने के बाद भी हरविंदर ने अपना होंसला कम नहीं होने दिया। उन्होंने अपने आप को इसना काबिल बनाया कि आज वो एक स्टार खिलाड़ी है। उनकी हर कोई वाहवाही कर रहा है।

gold medalist Harvinder Singh

खेतों में की तीरंदाजी

जब कोविड महामारी की वजह से पूरे देश में लॉकडाउन की स्थिति थी। तब हरविंदर को प्रैक्टिस करने में काफी दिक्कतें हुई। ऐसे में उनके पिता ने अपने खेतों को आर्चरी रेंच में बदलकर उनकी प्रैक्टिस करवाई। हरविंदर ने कभी भी मेहनत करना नहीं छोड़ा। आज उसी मेहनत के चलते उन्होंने आर्चरी में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास में अपना नाम दर्ज कर दिया