राज्य में तेज़ी से फेल रही लंपी वायरस,जानिए इसके बारे में
उत्तराखंड में लंपी वायरस तेजी से फैल रहा है। अब रोजाना एक हजार से अधिक पशु लंपी रोग की चपेट में आ रहे हैं। पशुपालन विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक बुधवार को 1101 पशु लंपी रोग से ग्रसित पाए गए, जबकि 20 पशुओं की मौत हुई है। रोग ग्रसित 1230 पशु ठीक भी हुए हैं।
पशुपालन विभाग की ओर से लंपी रोग से बचाव व इसकी रोकथाम के लिए पर्याप्त मात्रा में गोटपॉक्स वैक्सीन होने का दावा किया जा रहा है। लेकिन यदि किसी क्षेत्र में पशु बीमारी से ग्रसित पाया जाता है तो एक किमी के दायरे में टीकाकरण नहीं किया जा सकता है।
विशेषज्ञों की मानें तो रोग से ग्रसित पशुओं में वैक्सीन लगाने से ज्यादा नुकसान का खतरा रहता है। इस संबंध में केंद्र सरकार की ओर से दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। हालांकि विभाग ने लंपी से बचाने के लिए 2.52 लाख से अधिक पशुओं को गोटपॉक्स वैक्सीन लगाई है।
हरिद्वार जिले से शुरू हुई लंपी बीमारी अब प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में तेजी से फैल रही है। हरिद्वार, देहरादून, ऊधमसिंह नगर, टिहरी, पौड़ी, उत्तरकाशी, चमोली जिले में अब तक लगभग 21 हजार पशु लंपी बीमारी की चपेट में आए हैं। पशुपालन निदेशक डॉ.प्रेम कुमार ने बताया कि विभाग के पास गोटपॉक्स वैक्सीन की कोई कमी है। छह लाख वैक्सीन खरीदी गई हैं। इसके अलावा चार लाख वैक्सीन एक-दो दिन में पहुंच जाएगी।
लंपी बीमारी से ग्रसित या लक्षण दिखाई देने पर पशुओं को वैक्सीन नहीं लगाई जा सकती है। इससे बीमार पशु को ज्यादा नुकसान होने का खतरा रहता है। वैक्सीन के बजाय बीमार पशु को दवाईयों, पौष्टिक चारा देकर इम्युनिटी बढ़ाई जा सकती है। जिससे पशु जल्द ठीक हो सकता है।
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