दायित्वधारियों की लिस्ट तैयार, बीजेपी में शुरू ना हो जाए अंदरूनी तकरार !
सीएम धामी की भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद त्तराखंड में होने वाले कैबिनेट विस्तार और दायित्व बंटवारे को हरी झंडी मिल गई है। माना जा रहा है कि जल्द ही ये नाम सामने आ सकते हैं।
दायित्वधारियों की लिस्ट लेकर दून आ रहे सीएम धामी
मंगलवार देर रात सीएम धामी ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की। जिसके बाद उत्तराखंड में होने वाले कैबिनेट विस्तार और दायित्व बंटवारे को भाजपा हाईकमान से मंजूरी मिल गई है। दायित्वधारियों की लिस्ट लेकर सीएम धामी आज उत्तराखंड आ रहे हैं।
चर्चाओं के बाजार हुए गर्म
हाईकमान से लिस्ट को मंजूरी जिसके बाद चर्चाएं तेज हैं। चर्चाएं इस बात की भी हो रही हैं कि दायित्वधारियों की लिस्ट सामने आने के बाद बीजेपी में अंदरूनी तकरार शुरू हो सकती है। इसको लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। माना जा रहा है कि इस लिस्ट से पार्टी के कई बड़े नेताओं को निराशा हाथ लग सकती है। जिस से पार्टी में गुटबाजी होने के पूरे-पूरे आसार हैं।
दायित्वधारियों की वायरल लिस्ट को बताया जा रहा है सही
बीते दिनों बीजेपी की दायित्वधारियों की लिस्ट वायरल हो गई थी। जिस पर बीजेपी हाईकमान ने जांच के आदेश भी दिए थे। आदेश देते हुए कड़ी से कड़ी कार्रवाई की बात कही गई थी। माना जा रहा था कि किसी खास ने ही ये लिस्ट वायरल की थी।
लिस्ट के वायरल होने के बाद ऐसी खबरें सामने आ रही थी कि वायरल लिस्ट वाले नाम ही फाइनल थे। यानी कि ये लिस्ट एकदम सही थी। सूत्रों के हवाले से मिली खबर के मुताबिक नई दायित्वधारियों की लिस्ट में शामिल नाम काफी हद तक वायरल लिस्ट के नामों के आधार पर ही हो सकते हैं।
अपने करीबियों को पद दिलाने की कोशिश में लगे कई बड़े मंत्री
मिली जानकारी के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी के की बड़े मंत्री अपने करीबियों को कोई बड़ा दायित्व दिलाने की कोशिश में जुटे हैं। पार्टी के कई बड़ें नेता इस होड़ में लगे हैं। जिस कारण इनमें आपस में ही तकरार होने के आसार बढ़ गए हैं। पार्टी में गुटबाजी को लेकर भी चर्चाएं तेज हो गई हैं।
कुमाऊं गढ़वाल समीकरण से बिगड़ ना जाए पार्टी का माहौल
धामी सरकार के कार्यकाल को एक साल पूरा हो गया है। लेकिन अब तक मंत्रिमंडल में कई पद खाली हैं। परिवहन मंत्री स्व चंदन राम दास के निधन के बाद से एक और कुर्सी खाली हो गई है। पिछले काफी समय मंत्रिमंडल में विस्तार को लेकर चर्चाएं हो रही थी। लेकिन ये अब तक नहीं हो पाया था।
पार्टी के लिए मंत्रिमंडल में कुमाऊं गढ़वाल समीकरण को बैलेंस करना सबसे बड़ी चुनौती होगी। कुमाऊं गढ़वाल में बैलेंस बिगड़ता है तो कहीं इस बात का असर पार्टी के माहौल पर ना पड़ जाए। अगर इसका असर पार्टी के के माहौल पर पड़ता है तो पार्टी में नए गुट बनने और गुटबाजी होने के आसार हैं।
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