लापरवाही- बाघ के हमले से गम्भीर घायल भैस के उपचार वन विभाग बना खलनायक
पंतनगर/हल्द्वानी skt dot com
वन विभाग हालांकि बहुत बड़े दावे करता है मानव वन्य जीव संघर्ष में घायल हुए लोगों और जानवरों के उपचार के दावे किए जाते हैं तथा उन्हें सहायता राशि भी उपलब्ध कराए जाने की बात वन विभाग द्वारा ढोल पीट-पीटकर की जाती है लेकिन असलियत में यह बात जमीन पर कहीं दिखाई नहीं देती है
ऐसा ही एक मामला हल्द्वानी के नजदीक रानी बाग के मनोरा रेंज में जहां बाघ के हमले से बचिए और भैंस को गंभीर रूप से घायल कर दिया बाघ ने इतना गंभीर हमला किया की भैंस खड़ी भी नहीं हो पा रही है ।
वन विभाग को इसकी सूचना देने के बाद उन्होंने इसे पंतनगर के रेस्क्यू सेंटर में मंगवाया और अब उसके उपचार में लगातार लापरवाही बरती जा रही है भैंस के स्वामी हर्षित से वहां पर खुद ही रहने को कहा जा रहा है वन विभाग का कोई भी कर्मचारी वहां पर अपनी ड्यूटी नहीं समझ रहा है तथा उन्हें मजबूरन वहां रहने के लिए कहा जा रहा है जबकि उन्हें अपने घर में भी अन्य मवेशियों की देखभाल करनी है घर में सिर्फ वृद्ध माता के होने की वजह से उनके मवेशियों की देखभाल नहीं हो पा रही है जबकि वन विभाग के द्वारा रेस्क्यू सेंटर में किसी भी कर्मचारी को घायल मवेशी की देख भाल के लिए तैनात नही किया गया।
वही पीड़ित द्वारा यह भी आरोप लगाया गया है कि उनके मवेशियों का उचित ट्रीटमेंट नहीं किया जा रहा है। बल्कि रेंजर के माध्यम से उन्हें अपना आदमी रखने के लिए कहा जा रहा है ऐसे में पीड़ित व्यक्ति कैसे अपने व्यक्ति को वहां पर रख सकता है और अगर वह यहां पर स्वयं रहता है तो घर में अन्य मवेसी के दूध निकालने तथाअन्य कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं।
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