सुलग रहा Ladakh! नेपाल जैसा विरोध प्रदर्शन!, कई लोगों की मौत, जानें ताजा अपडेट

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leh ladakh protest: केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में शुरू हुआ आंदोलन हिंसा, आगजनी और सड़कों में पथराव में बदल गया। यहां आंदोलनकारियों की मांग है कि लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाए। बीते दिन 24 सितंबर को इस प्रोटेस्ट के चलते चार लोगों की मौत हो गई। तो वहीं कम से कम 80 से ज्यादा लोग घायल है। बताते चलें कि बीते कई महीनों से सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक अलग-अलग तरह से विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। ऐसे में अब छात्र भी उसके समर्थन के लिए सड़कों पर उतर आए।

leh ladakh protest: नेपाल जैसा हिंसक विरोध प्रदर्शन! चार की मौत

दरअसल विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस और छात्रों में झड़प हुई। जिसमें चार लोगों की जान चली गई। खबरों की माने तो 40 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। बिगड़ती स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए अधिक पुलिस और अर्धसैनिक तैनात किए गए। साथ ही आंसू गैस के गोले भी दागे गए।

क्या है प्रदर्शनकारियों की बड़ी मांग?

  • लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा
  • छठी अनुसूची के तहत संवैधानिक सुरक्षा
  • कारगिल और लेह अलग लोकसभा सीट
  • सरकारी नौकरी में स्थानीय लोगों की भर्ती

बता दें कि इसको लेकर केंद्र सरकार दिल्ली में 6 अक्टूबर को बैठक हो सकती है।

विरोध प्रदर्शन पर लद्दाख के उपराज्यपाल

लद्दाख के उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता ने इस हिंसा की कड़ी निंदा की। उन्होंने चेतावनी दी है कि यहां की शांति भंग करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उपराज्यपाल ने कहा, ”हम जानते हैं कि लोकतंत्र में सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है।

यहां तक कि भूख हड़ताल भी लोकतांत्रिक परंपराओं का हिस्सा है. लेकिन पिछले एक-दो दिनों में हमने जो देखा है कि लोगों को भड़काया जा रहा है, नेपाल और बांग्लादेश से तुलना की जा रही है, निजी कार्यालयों और घरों में आग लगाने की कोशिश की जा रही है, पथराव किया जा रहा है. यह लद्दाख की परंपरा नहीं है।