खटीमा : बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को आपदाग्रस्त किया जाए घोषित, किसानों ने की मांग

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खटीमा में भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों ने किसानों के साथ उप जिलाधिकारी रविंद्र बिष्ट कार्यलय का घेराव किया। बाढ़ आपदा से हुई किसानों की फसल को भारी नुकसान का जल्द से जल्द सर्वे करवरकर उनको मुआवजा दिए जाने की मांग की है। किसानों ने मांग की है कि खटीमा को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को आपदाग्रस्त घोषित किया जाए।


बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को आपदाग्रस्त किया जाए घोषित
किसानों का कहना है कि बाढ़ से पूरा खटीमा क्षेत्र प्रभावित हुआ है। इसी के चलते खटीमा क्षेत्र को बाढ़ आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित करना चाहिए। सोमवार को भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष गुरसेवक सिंह, भाकियू चंडूनि के ब्लॉक अध्यक्ष मनजिंदर सिंह भुल्लर के नेतृत्व में सभी किसान खटीमा तहसील में पहुंचे। जहां किसानों ने बाढ़ से क्षेत्र में हुए भारी नुकसान के बारे में उप जिलाधिकारी रविंद्र बिष्ट को बताया।

बाढ़ के कारण धान की फसल हुआ खराब
किसानों का कहना है कि उनकी बाढ़ के कारण धान की लगी हुई फसल खराब हो चुकी है। उनके पास नए सिरे से धान रोपने के लिए बीज रूपी धान की पौध भी नहीं बची है। उत्तराखंड के किसान हरियाणा व पंजाब से रोपाई के लिए धान के बीज रूपी पौध महंगे दामों में लाने को मजबूर हैं। अब आपदा के बाद किसानों की दूसरी बार फसल लगने में भी देरी हो रही है।

किसानों ने राजस्व विभाग के लेखपाल ( पटवारियों ) पर भी मनमानी और अभद्रता का आरोप लगाया है। उन्होंने इसकी शिकायत उपजिलाधिकारी से की है। उप जिलाधिकारी रविंद्र बिष्ट ने इस मामले में किसानों को जांच कर के बाद उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

जल्द की जाएगी मुआवजा दिलाने की कार्रवाई
राइस मिलर व्यापारी हरप्रीत सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि क्षेत्र में बाढ़ आपदा से हुए भारी नुकसान किसानों का तो हुआ ही है। इससे आगे क्षेत्र के राइस मिल व्यापारियों को भी भारी नुकसान होगा। क्योंकि अगर क्षेत्र में फसल ही कम होगी तो राइस मिलों की खरीद का औसत भी कम होगा। जिससे व्यापारी भी भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है। किसानों की समस्याओं को सुनने के बाग उपजिला अधिकारी रविंद्र बिष्ट ने किसानों को आश्वासन देते हुए कहा कि जल्द से जल्द क्षेत्र में जो भी बाढ़ आपदा से नुकसान हुआ है, उसका आकलन कर मुआवजा दिलाने की कार्रवाई की जाएगी