फर्जी रॉ अधिकारी निकला जज का पति, 37 साल के युवक का फर्जीवाड़ा देख हैरान रह गई STF

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Fake RAW officer arrested in Greater Noida Married female judge started committing fraud

जज से शादी रचाने वाला फर्जी रॉ ऑफिसर गिरफ्तार

Fake RAW Officer: उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने बुधवार तड़के ग्रेटर नोएडा से एक ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जो लंबे समय से खुद को रॉ का अधिकारी, कभी आर्मी का मेजर और कभी केंद्र सरकार का वरिष्ठ अफसर बताकर लोगों को धोखा दे रहा था। आरोपी की पहचान सुनीत कुमार के रूप में हुई है, जो फर्जी पहचान और सरकारी दस्तावेजों के सहारे प्रतिष्ठित लोगों के संपर्क में आकर ठगी की बड़ी योजना बनाने में जुटा था। एसटीएफ के अनुसार, आरोपी ने खुद को रॉ अधिकारी बताकर छपरा (बिहार) में तैनात एक महिला न्यायिक मजिस्ट्रेट को भी विश्वास में ले लिया और उनसे शादी कर ली।

फर्जी पहचान पत्र समेत बड़ी मात्रा में मिला संदिग्ध सामान

उसके पास से बड़ी मात्रा में फर्जी पहचान पत्र, सरकारी मुहरें, चेक बुक, पैन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर आईडी और कई तरह के संवेदनशील दस्तावेज बरामद किए गए हैं। इतना ही नहीं, उसके टैब से दिल्ली ब्लास्ट से संबंधित वीडियो भी मिली है, जिसके बाद उससे पूछताछ और तेज कर दी गई है। अपर पुलिस अधीक्षक एसटीएफ नोएडा यूनिट, राजकुमार मिश्रा ने बताया कि बीती रात एसटीएफ की टीम को सूचना मिली थी कि एक व्यक्ति पैरामाउंट गोल्फ फॉरेस्ट सोसाइटी, ग्रेटर नोएडा में कई महीनों से फर्जी पहचान के साथ रह रहा है। वह कभी खुद को मेजर अमित तो कभी रॉ का डायरेक्टर बताता था। दिल्ली में हाल ही में हुए बम विस्फोट के कारण इस सूचना को अत्यंत गंभीर माना गया और एक टीम तुरंत छापेमारी के लिए भेजी गई।

फ्लैट पर एसटीएफ पहुंची तो खुलने लगे राज

एसटीएफ की टीम जब संदिग्ध के फ्लैट पर पहुंची तो वहां मौजूद महिला ने दरवाज़ा खोला। थोड़ी ही देर में एक व्यक्ति वहां आया, जिसने अपना नाम सुनीत कुमार बताया। तलाशी के दौरान उसके पर्स से भारत सरकार के केबिनेट सेक्रेट्रिएट का एक आईडी कार्ड मिला, जिसमें उसका पद जॉइंट सेक्रेटरी (ऑपरेशन), नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल दर्ज था। प्रारंभिक जांच में यह आईडी कार्ड पूरी तरह फर्जी पाया गया। इसके बाद एसटीएफ ने रॉ और अन्य खुफिया एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों को मौके पर बुलाया। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि इस नाम का कोई भी व्यक्ति उनके विभाग में तैनात नहीं है। फ्लैट की मकान मालकिन ने बताया कि किराएदार ने खुद को मेजर अमित कुमार बताकर ही फ्लैट लिया था, और उसने दिल्ली पुलिस के डिप्टी कमिश्नर के नाम से जारी एक फर्जी पुलिस वेरिफिकेशन भी व्हाट्सऐप पर भेजा था।

एसटीएफ को छापेमारी में क्या मिला?

आरोपी की पत्नी, जो कि बिहार के छपरा में न्यायिक मजिस्ट्रेट हैं, से भी संपर्क किया गया। उन्होंने बताया कि उनके पति गृह मंत्रालय में गोपनीय पद पर तैनात हैं, और वे कभी रॉ या सेना से जुड़े होने की बात स्पष्ट रूप से नहीं जानती थीं। एसटीएफ इसे भी जांच के दायरे में रखकर पूछताछ कर रही है। छापेमारी में आरोपी के पास से 20 चेक बुक, 8 डेबिट/क्रेडिट कार्ड, दो फर्जी आईडी, पांच पैन कार्ड, तीन वोटर आईडी, दो आधार कार्ड, कई कंपनी रजिस्ट्रेशन दस्तावेज, 17 एग्रीमेंट, बैंक स्टेटमेंट, आईटीआर फाइलें, तीन लैपटॉप और दो टैबलेट बरामद हुए हैं। कंपनी से जुड़े दस्तावेजों से यह संकेत मिला है कि वह करोड़ों रुपये की ठगी करने की योजना बना रहा था।

दस्तावेज खंगालने में जुटी एसटीएफ

टैब से मिले दिल्ली ब्लास्ट से संबंधित वीडियो के कारण एजेंसियां इसे अत्यंत संवेदनशील मामला मानते हुए हर दस्तावेज और डिवाइस खंगाल रही हैं। एसटीएफ ने आरोपी सुनीत कुमार को गिरफ्तार कर भारतीय न्याय संहिता की धारा 319(2), 318(4), 338, 336(3), 340 और आईटी एक्ट की धारा 66D के तहत केस दर्ज किया है। उसे आज न्यायालय में पेश किया जा रहा है। एजेंसियां यह भी जांच कर रही हैं कि क्या वह किसी बड़े गिरोह का हिस्सा था या अकेले ही यह जाल बिछा रहा था।