‘क्या ऑफिस से झूठ बोलकर छुट्टी लेना पाप है?’ Premanand ji Maharaj से जानिए जवाब

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Premanand Ji Maharaj: ऑफिस से छुट्टी लेने के लिए लोग काफी तरह के बहाने बनाते हैं। कई बार कर्मचारियों को सच में छुट्टी चाहिए होती है लेकिन उसके बावजूद भी उनकी लीव केंसिल हो जाती है। जिसके चलते लोग ऑफिस में झूठ बोलकर छुट्टी मागते है ताकि उनकी लीव अप्रुव हो जाए। लेकिन क्या ऐसे छुट्टी लेना सही है या गलत? इसी सवाल को लेकर एक शख्स प्रेमानंद महाराज जी के पास पहुंचा। जिसका जवाब प्रेमानंद जी(Premanand Maharaj) ने क्या दिया, आप भी सुनिए।

Premanand Ji Maharaj से शख्स ने पूछा अटपटा सवाल

सोशल मीडिया पर प्रेमांनद महाराज की एक वीडियो काफी वायरल हो रही है। जिसमें एक शख्स ने उनसे ऑफिस में झूठ बोलकर छुट्टी मांगने को लेकर प्रश्न पूछा। शख्स ने प्रेमानंद जी महाराज से पूछा, “अगर दादी या फूफा जी की मौत का बहाना बनाओ तो छुट्टी मिल जाती है, लेकिन सच बोलो तो बॉस मना कर देते हैं। तो क्या झूठ बोलना गलत है?”

‘क्या ऑफिस से झूठ बोलकर छुट्टी लेना पाप है?’ Premanand Ji Maharaj Viral Video

वायरल वीडियो में देखा जा सकता हैं कि एक शख्स प्रेमानंद महाराज से पूछता है कि वो एक प्राइवेट जॉब करता हैं, जिसमें छुट्टी जल्दी नहीं मिलती। ऐसे में छुट्टी लेने के लिए वो अपने परिवार के पहले से ही मरे हुए लोगों को फिर से मार देता है। जैसे दादा, चाचा, फूफा, मामा, तो एकदम से उसे छुट्टी मिल जाती है। वो एक ही इंसान को दो-दो चार-चार बार मार चुका हैं। क्या ये सही है?

परिवार में किसी को मार कर छुट्टी लेता है शख्स

इसपर प्रेमानंद जी महाराज पूछते है कि ऑफिस में छु्ट्टी मांगने से तो मिल जाती होगी? जिसपर शख्स कहता है कि सीधे-सीधे मांगने से नहीं मिलती। बॉस टाल देता हैं। जिसके चलते ऐसे बहाने बनाने पड़ते है।

प्रेमानंद महाराज जी ने दिया जवाब

इसपर प्रेमानंद जी पहले तो मुस्कुराए। जिसके बाद उन्होंने कहा, “यही तो कलियुग का असर है, झूठइ लेना, झूठइ देना, झूठइ भोजन झूठ चबेना।” जवाब देते हुए महाराज ने एक दोहा सुनाया, “सांच बराबर तप नहीं, झूठ बराबर पाप।” जिसका मतलब समझाते हुए उन्होंने कहा कि सत्य के समान कोई तप नहीं है और झूठ के बराबर कोई पाप नहीं। व्यक्ति अगर सच्चाई पर चलता है तो भगवान उसके मन में वास करते है।

सत्य पर टिके रहने से आत्मिक शांति

आगे प्रेमानंद जी महाराज ने बोला, “जीवन में कठिनाइयां आएंगी, लेकिन उनसे भागना नहीं, सामना करना सीखो। झूठ बोलकर जो राहत मिलती है, वो अस्थायी होती है, लेकिन सत्य पर टिके रहने से आत्मिक शांति मिलती है।”

प्रेमानंद जी महाराज कहते है कि “झूठ बोलना सही नहीं है। जीवन में कठिनाइयां आएंगी, लेकिन उनसे भागना नहीं, सामना करना सीखो। झूठ बोलकर जो राहत मिलती है, वो अस्थायी होती है, लेकिन सत्य पर टिके रहने से आत्मिक शांति मिलती है।”

‘झूठ पाप की श्रेणी में आता है। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि यदि भगवत कार्यों के लिए झूठ बोला जा रहा हैं तो ऐसा झूठ बोलना पाप नहीं है। लेकिन सांसारिक कार्यों के लिए झूठ बोलना पाप है।’