उत्तराखंड में अब बिना वैरिफिकेशन नहीं खरीद पाएंगे जमीन, सरकार लाने जा रही है ये अध्यादेश
उत्तराखंड में आपराधिक व आसामाजिक तत्वों के लिए भूमि खरीदना संभव नहीं हो पाएगा। सामाजिक और सांस्कृतिक ताने-बाने की सुरक्षा के लिए धामी सरकार भूमि खरीद की प्रक्रिया को कड़ा करने जा रही है। प्रदेश में जमीन खरीद के लिए सरकार उसकी पृष्ठभूमि की जांच कराएगी। जानते हैं जमीन खरीद के लिए किस प्रक्रिया से गुजरना होगा।
प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में उठा मुद्दा
धामी सरकार भूमि संबंधी कानून में इसका प्रावधान करेगी। इसके लिए सरकार अध्यादेश लाएगी। सीएम धामी ने कहा कि प्रदेश में अब जमीन बेरोक-टोक नहीं खरीदी जा सकेगी। बुधवार को प्रदेश मंत्रिमंडल कि बैठक में सीएम धामी ने ये मुद्दा उठाया। उन्होंने सभी कैबिनेट मंत्रियों के सामने राज्य में सरकारी भूमि पर हो रहे अतिक्रमण का विषय रखा।
भूमि खरीद की प्रक्रिया सख्त
प्रदेश के सांस्कृतिक एवं सामाजिक विशिष्टता को बनाए रखने के लिए भूमि खरीद की प्रक्रिया को और ज्यादा सख्त किया जाने की आवश्यकता व्यक्त की। बाहरी प्रदेश के लोगों को अब उत्तराखंड में जमीन खरीदने के लिए वेरिफिकेशन के नियम से गुजरना होगा। यानी अब उत्तराखंड में जमीन खरीदना आसान नहीं होगा।
वेरीफिकेशन की प्रक्रिया को दी मंजूरी
प्रदेश सरकार इसे लेकर कड़े नियम लाने की तैयारी में है। ताकि बेरोक-टोक जमीन प्रदेश में ना खरीदी जाए। सीएम धामी ने जमीन खरीदने के लिए वेरीफिकेशन को मंजूरी दे दी है। बताया जा रहा है कि जो भी लोग बाहरी प्रदेशों से उत्तराखंड में व्यापार करने या घर बनाने के लिए जमीन खरीदेंगे। उन्हें सत्यापन की प्रक्रिया से गुजरना होगा। इसके लिए उन्हें जमीन खरीदने से पहले वेरिफिकेशन का फॉर्म भरना होगा। जिसके माध्यम से जिस जगह के मूलनिवासी जमीन खरीदने वाला व्यक्ति होगा। उनके नजदीकी थाने से उनका सत्यापन किया जाएगा।
सत्यापन के बाद ही खरीद पाएंगे जमीन
मुख्यमंत्री के सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने जानकारी देते हुए कहा है कि राजस्व विभाग को इसके लिए अध्यादेश लाने के निर्देश दे दिए गए हैं। अध्यादेश के आते ही वेरिफिकेशन का नियम प्रदेश में लागू हो जाएगा।
भाजपा ने किया फैसले का स्वागत
धामी सरकार के इस फैसले से भाजपा काफी उत्साहित नजर आ रही है। भाजपा नेताओं में सीएम के इस फैसले का आभार व्यक्त किया। भाजपा नेताओं कि माने तो अपराधी प्रवृत्ति के जो व्यक्ति उत्तराखंड में जमीन खरीदने या कारोबार करने की सोचते हैं। वह उत्तराखंड में जमीन नहीं ले पाएंगे। इससे देवभूमि का जो माहौल है वह शांत रहेगा।
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