सीजन में सरोवर के बजाय अब नैनीताल बन गई जाम नगरी

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नैनीताल एसकेटी डॉट कॉम

कुमाऊं के प्रसिद्ध टूरिस्ट स्थलों में से एक नेपाल नए पर्यटन सीजन उफान पर है हजारों की संख्या में मैदानी क्षेत्रों से सैलानी नैनीताल पहुंच रहे हैं प्रशासन एवं पर्यटन अधिकारियों की लापरवाही का नतीजा है कि पूरा शहर जाम में फंसा हुआ है। अधिकारियों को निरीक्षण करने तथा मीटिंग के लिए जाने के लिए घंटों लग जा रहे हैं। तल्लीताल से लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचने में ही घंटों लग जा रहे हैं।

सैलानियों की संख्या बढ़ने के अलावा स्थानीय लोगों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। तल्लीताल पर जाम लगने का कारण लोगों द्वारा ले चुंगी का पोस्ट कम चौड़ी जगह पर स्थानांतरित करने को भी एक कारण माना है। कई स्थानीय लोगों और सभासदों ने कहा कि जिले के अधिकारियों द्वारा मनमानी पूर्वक कार्य किए जाने की वजह से लोगों को जाम से दो-चार होना पड़ रहा है। नैनीताल से भवाली और हल्द्वानी को जाने वाला मार्ग भी जान से पटा रहा। जान का यह हाल रहा कि कई अधिकारी अपने गनर के साथ माल रोड पर पैदल चलते हुए देखे गए। कुमाऊँ मंडल विकास निगम के एक अधिकारी को तो वाहन छोड़कर अपने ऑफिस के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी से बाइक मंगवानी पड़ी जिसके बाद वह अपने ऑफिस पहुंच पाए।

काठगोदाम भवाली नैनीताल मार्ग पर वाहनों का रेला नैनीताल बन गई जाम नगरी

नैनीताल जैसे पर्यटक स्थल में पार्किंग की व्यवस्था ना होना यह जान का सबसे बड़ा कारण है अब तक के सरकारों में रहे जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने सिर्फ अपना समय काट कर जनता के पैसे से अपनी तनख्वाह तथा आम लोगों से सही काम करवाने की एवज में कमीशन लेना ही अपना कर्म और धर्म समझा अनुष्क

पर्यटक सीजन के समय ही अधिकारियों को पार्किंग की याद आती है और जैसे ही यह 2 महीने का सीजन खत्म होता है अधिकारी और जनप्रतिनिधि फिर कुंभ गाड़ नींद में सो जाते हैं। इसी वजह से आज तक कोई भी पार्किंग स्थल ने बनवाया है 20 साल पहले जो पार्किंग की क्षमता थी उसी से काम चलाया जा रहा है जबकि 50 गुना आबादी नैनीताल शहर में टूरिस्ट सीजन के दौरान आ रही है। भीड़ का आलम यह है कि अधिकारियों के हाथ पांव फूले हुए हैं वह वाहनों को नैनीताल आने से रोक रहे हैं लेकिन जाम से निपटने की उनके पास कोई नीति नहीं है।

तल्लीताल के चुंगी वाली जगह को शिफ्ट करने से तल्लीताल से ही जान लग रहा है छोटे वाहनों तथा मोटरसाइकिल रिक्शा चालकों को भी इसी के अंदर से गुजरना पड़ रहा है जबकि जहां पर पहले यह लेख चुंगी थी वहां पर काफी जगह थी और छोटे वाहन साइड से निकल जाते थे।

जिला प्रशासन के पत्थरों द्वारा बनाई जा रही लेक ब्रिज चुंगी को लेकर कई लोगों में असंतोष है तथा इसको लेकर सभासद हाई कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं। उनका कहना है कि पत्थरों से बन रही लेक ब्रिज चुंगी को अपनी ही जगह पर बनाया जाना चाहिए था

सीओ संदीप सैनी ने कहा कि वह यातायात को व्यवस्थित करने के पुरजोर प्रयास कर रहे हैं राज्यपाल के भ्रमण के दौरान यातायात रोकने से यह जान और भी बढ़ गया जिससे पर्यटकों और स्थानी निवासियों ने सोशल मीडिया पर जमकर अपनी खीज निकाली।