नैनीताल जिले में फर्जी प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी कर रहे दो डाक सेवकों की सेवाएं हुई रद्द अब दर्ज होगा मुकदमा

Ad
Ad
ख़बर शेयर करें

डाक विभाग में अजीब किस्से सामने आ रहे हैं। डाक सेवकों के लिए खुली भर्ती के तहत प्रदेश में देश भर से आ रहे युवा डाक वितरण का कार्य कर रहे हैं लेकिन इन्हें न तो क्षेत्र का भौगोलिक खाका ही पता है नहीं लोगों के बारे में कोई जानकारी है अतः डाक बढ़ने के बजाय वह फोन करके उन्हें अपने ही पोस्ट ऑफिस पोस्

में बुला रहे हैं जिससे लोगों को डाकघर में आना पड़ रहा है

अब एक नया मामला आ रहा है फर्जी प्रमा

प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी पाने का ताजा मामला सामने आया है। यहां दो ग्रामीण डाक सेवकों के हाईस्कूल के प्रमाण पत्र फर्जी पाए जाने पर उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार दोनों को डेढ़ महीने पहले अनंतिम नियुक्ति के तहत भीमताल क्षेत्र में तैनाती मिली थी, और विभाग द्वारा इनके प्रमाण पत्र की जांच कराई गई तो हरियाणा बोर्ड के पास जांच के लिए दोनों डाक सेवकों के प्रमाणपत्रों को भेजा गया, जहां बोर्ड ने डेढ़ महीने बाद जांच कर दोनों डाक सेवकों के हाईस्कूल के प्रमाण पत्रों को फर्जी बताया है।

पलायन रोकने एवं लोगों को रोजगार देने के मोदी एवं धामी सरकार की योजनाएं को उनके ही विभाग बता बता रहे हैं जबकि होना यह चाहिए था कि जिस जिले में डाक सेवकों की जरूरत है उसी जिले के बेरोजगार युवकों को रोजगार देना चाहिए था इससे एक तो पलायन रुकता दूसरा भौगोलिक परिस्थितियों का ज्ञान होने के चलते वह सभी लोगों तक सेवाएं पहुंचाने में कामयाब रहता।

जिसके बाद डाक सेवा के विभागीय अधिकारियों ने मामले का तत्काल संज्ञान लेते हुए दोनों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है। बताया जा रहा है डाक विभाग में अधिकारियों के अनुसार दोनों सेवकों को स्थाई नीति मिलने तक ₹12000 प्रति माह वेतन दिया जा रहा था। फिलहाल प्रवर डाक अधीक्षक नैनीताल कंचन सिंह चौहान का कहना है कि दोनों को बर्खास्त कर दिया गया है अब एफ आई आर दर्ज कराने की कार्यवाही की जा रही है