कंगाल Pakistan को कर्जा देकर टेंशन में IMF!, लगा दी 11 शर्तें, साथ में चेतावनी भी

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IMF Conditions On Pakistan: पाकिस्तान को हाल ही में इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) से 1 अरब डॉलर की राहत मिली। लेकिन इसके बाद से IMF खुद उलझन में आ गया है। वजह ये है कि जिस देश पर आतंकियों को पालने का आरोप हो उसे आर्थिक मदद देना अब खुद IMF की साख पर सवाल बन गया है।

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अब तो संस्था को इस बात का डर भी सताने लगा है कि कहीं पाकिस्तान को दिया गया पैसा डूब ही न जाए। इसी डर के चलते IMF ने अगली किस्त जारी करने से पहले पाकिस्तान पर 11 सख्त शर्तें थोप दी हैं। इसके साथ ही IMF ने भारत-पाकिस्तान के बीच जारी तनाव को आर्थिक अस्थिरता के लिए गंभीर खतरा करार दिया है।

IMF ने लगाई Pakistan पर ये शर्तें

तो अब आईएमएफ ने क्या-क्या शर्तें रखी हैं? आइए जानते हैं:—

  • पाकिस्तान की संसद को अगले वित्त वर्ष के लिए 17,600 अरब रुपये के बजट को पास करना होगा।
  • बिजली के दाम और बढ़ाने होंगे।
  • तीन साल से ज्यादा पुरानी कारों के आयात पर लगा बैन हटाना होगा।
  • चार संघीय इकाइयों को नया कृषि आयकर कानून लागू करना होगा, जिसमें टैक्सपेयर्स की पहचान, रिटर्न प्रोसेसिंग और अनुपालन को दुरुस्त करना शामिल है।
  • देशभर में एक मजबूत कम्युनिकेशन कैंपेन चलाना होगा।
  • IMF की सिफारिशों के मुताबिक संचालन सुधारों की प्रगति दिखानी होगी।
  • 2027 के बाद के लिए वित्तीय रणनीति तैयार कर उसे सार्वजनिक करना होगा।
  • इसके अलावा, ऊर्जा क्षेत्र को लेकर भी चार नई शर्तें जोड़ी गई हैं— जिनमें टैरिफ तय करना, वितरण सुधार और फाइनेंशियल ट्रांसपेरेंसी शामिल हैं।
  • बजट की मार झेलती जनता, मगर रक्षा खर्च लगातार बढ़ रहा

सरकार का ध्यान अब भी सेना के बजट पर

एक ओर पाकिस्तान की जनता महंगाई से कराह रही है। दूसरी ओर वहां की सरकार का ध्यान अब भी सेना के बजट पर टिका है। नया रक्षा बजट 2,414 अरब रुपए तक पहुंच चुका है। ये बीते साल की तुलना में 12% ज्यादा है। यही नहीं रिपोर्ट्स के मुताबिक ये बजट इस महीने 2,500 अरब तक भी पहुंच सकता है। अब IMF के अंदर ये भी चर्चा है कि इस तरह के फिजूलखर्च फैसले उस भरोसे को ठेस पहुंचा सकते हैं। जिसके आधार पर उन्हें कर्ज दिया गया।

पाकिस्तान की नीयत पर फिर उठा सवाल

भारत लगातार ये बात कहता आया है कि पाकिस्तान को दी जा रही फाइनेंशियल मदद का इस्तेमाल आतंकवाद को बढ़ावा देने में हो सकता है। इसी बीच एक चौंकाने वाला मामला सामने आया। पाकिस्तान के मंत्री तनवीर हुसैन हाल ही में मुरीदके पहुंचे थे। ये वही इलाका है जहां भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था।

हुसैन ने वहां खुलेआम कहा कि सरकार इस इलाके का पुनर्निर्माण अपने खर्च पर करवाएगी। उनके इस बयान ने एक बार फिर भारत को नाराज कर दिया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सख्त लहजे में कहा कि पाकिस्तान को दी जाने वाली कोई भी आर्थिक मदद, दरअसल आतंकवाद को फंडिंग करने जैसा है।

IMF को अब खुद अपने फैसले पर शक

IMF की ये नई सख्त शर्तें इस बात की तस्दीक हैं कि संस्था अब पाकिस्तान पर आंख मूंदकर भरोसा नहीं कर सकती। एक तरफ देश में विकास की बात होती है। दूसरी ओर वही पैसा आतंकी ज़मीनों को फिर से सजाने-संवारने में लगने लगे तो सवाल तो उठेंगे ही।