कैसे हुआ भारतीयों का श्रीलंकाइयों से DNA मैच ?, जानें क्यों है वेद्दा ट्राइब खास
बीएचयू के साथ ही पांच बड़े संस्थानों के 10 शोधकर्ताओं ने श्रीलंका के मूल निवासी वेद्दा के आनुवंशिक इतिहास के बारे में बड़ा खुलासा किया है। जिसमें ये बताया गया है कि श्रीलंका के मूल निवाियों जो कि वेद्दा जनजाति के लोग हैं उनका भारतीयों से घनिष्ठ आनुवंशिक संबंध रहा है।
श्रीलंकाई वेद्दा ट्राइब का भारतीयों से घनिष्ठ आनुवंशिक संबंध
श्रीलंका की वेद्दा ट्राइब सालों से वैज्ञानिकों और इतिहासकारों को अपनी अनूठी भाषा और सांस्कृतिक विशेषताओं से अचंभित करते आई है। वेद्दा ट्राइब के बारे में हर जानकारी हैरान कर देने वाली ही होती है। फिर चाहे वो पाषाण युग से इनका संबंध हो या इस ट्राइब का प्रेतों की पूजा करने का रिवाज। ये ट्राइब फिर चर्चा का विषय बन गई है। हाल ही में किए गए एक शोध में सामने आया है की श्रीलंका में रहने वाली इस वेद्दा ट्राइब का भारतीयों से घनिष्ठ आनुवंशिक संबंध है।
शर्तों पर स्वतंत्र तरीके से जीती है वेद्दा ट्राइब
वेद्दा ट्राइब ये श्रीलंका की ऐसी ट्राइब है जो अपनी शर्तों पर स्वतंत्र तरीके से जीती रही है। वेद्दा ये नाम इस ट्राइब को सिंहली भाषियों ने दिया है। तमिल भाषी इन्हें वाडेन कहते हैं। जबकि ये खुद को वन्नियालेटो Vanniyaletto कह कर संबोधित करते हैं। इसका मतलब जंगलों में रहने वाले लोग है।
वेद्दा ट्राइब का इतिहास काफी पुराना है। आर्कियोलॉजिस्टस की मानें तो ये ट्राइब स्टोन ऐज से धरती पर रहती आ रही है। वेद्दा ट्राइब प्रकृति से काफी कनेक्टेड है फिर चाहे वो यहां के गाने हों या फिर यहां के रिचुअल्स हों।
प्रेतों से भी अपना जुड़ाव मानती है ये ट्राइब
आपको ये जानकर हैरानी होगी की ये ट्राइब प्रेतों से भी अपना जुड़ाव मानती है। राष्ट्रीय चेंगची विश्वविद्यालय के शोधकर्ता डेविड ब्लंडेल David Blundell की एक रिपोर्ट की मानें तो वेद्दा ट्राइब के पुजारी प्रेतों से बात करने के बाद ही अपना कोई डिसीजन लेते हैं। प्रेतों से बात करने के बाद वो अपने कबीले के मुखिया को प्रेतों के फैसले के बारे में बताते हैं।
कैसे हुआ भारतीयों का श्रीलंकाइयों से DNA मैच ?
आपको बता दें की बीएचयू के साथ पांच संस्थानों के दस शोधार्थियों ने वेद्दा ट्राइब का अनुवांशिक अध्ययन किया जिसमें सामने आया की श्रीलंका के मूल निवासियों का भारतीयों के साथ घनिष्ठ आनुवंशिक संबंध है। इस अनुवांशिक अध्ययन में पांच लाख से ज्यादा म्युटेशन और 37 माइटोकॉन्ड्रियल जीनोम का कॉम्प्रिहेंसिव एनालिसिस किया गया।
इस स्टडी ने श्रीलंका के सबसे पुरानी ट्राइब और भारत के बीच एंन्सिएंट जेनेटिक रिलेशनशिप को दर्शाया है। इस स्टडी से पहले वेद्दा ट्राइब की कोई भी जेनेटिक स्टडी अभी तक उपलब्ध नहीं थी। आपको ये जानकर हैरानी होगी की वेद्दा ट्राइब जेनेटिक रुप से श्रीलंका के सिंहली और तमिल लोगों के साथ कम और भारत के साथ ज्यादा जुड़ी हुई है।
जबकि आइसोलेशन बाई डिस्टेंस मॉडल के मुताबिक कहा जाता है की भारतीय उप-महाद्वीप में हर एक जाति या जनजाति अपने पड़ोसी आबादी के साथ ज्यादा जेनेटिक रिलेशन दिखाते हैं। लेकिन इसका उलट बीएचयू के इस शोध में देखने मिलता है। एक तरफ जहां ये खोज आइसोलेशन बाई डिस्टेंस मॉडल को सीधी चुनौती दे रहा है तो वहीं ये डीएनए की स्टडी में एक मील का पत्थर भी साबित हो रहा है।
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