आवास विकास परिषद अपडेट-यूपी की परिसंपत्तियों का रिकॉर्ड जलकर हुआ खाक

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हल्द्वानी। यहाँ आवास विकास परिषद के हल्द्वानी स्थित कार्यालय का ताला तोड़कर कई महत्वपूर्ण फाइलें जला दी गईं। सूचना मिलने पर विभाग में खलबली मच गई। अवर सहायक अभियंता अंकित बोरा की तहरीर पर कोतवाली पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। उधर, आवास विकास परिषद के अपर आयुक्त पंकज उपाध्याय ने देहरादून के आयुक्त को पत्र भेजा है। पत्र में मजिस्ट्रेट जांच की मांग की गई है।

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आवास विकास में पानी की टंकी के पास आवास विकास परिषद कार्यालय का कार्यालय टिनशेड में संचालित होता है। इस कार्यालय में आवास विकास से संबंधित फाइलें रखी गई हैं। अक्सर यह कार्यालय बंद रहता है। जरूरत पड़ने पर ही कर्मचारी फाइल निकालते हैं। शनिवार दोपहर 12 बजे आवास विकास जसपुर कार्यालय से कर्मचारी किसी फाइलों को लेने हल्द्वानी पहुंचा। जब वह कार्यालय में गया तो ताला टूटा हुआ था। पास में ही कुछ फाइलें जली हुई पाई गईं। कर्मचारी ने इसकी सूचना सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह और अपर आयुक्त आवास विकास परिषद पंकज उपाध्याय को दी। दोनों अधिकारी पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे।

इससे पहले भी कलेक्ट्रेट ऑफिस और कुमाऊं मंडल विकास निगम के कार्यालय नैनीताल में भी आग लग गई थी जिसमें कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जल गए थे इन दस्तावेजों के जलने से कई अपराधिक किस्म के व्यक्ति और विवादित संपत्ति अपने मामलों में बचने से सफल हो गए।

अपर आयुक्त पंकज उपाध्याय ने बताया कि मौके पर ताला टूटा हुआ था। पास में ही फाइलें जली हुई पड़ी थीं। बताया कि नक्शों की फाइलें जलाई गई हैं। मूल फाइलें जसपुर कार्यालय में हैं। कहा कि उन्होंने आयुक्त आवास विकास परिषद को पत्र भेजा है। आयुक्त से मजिस्ट्रेट जांच के लिए अनुरोध किया गया है। अवर सहायक अभियंता अंकित बोरा की ओर से कोतवाली पुलिस को तहरीर सौंपी गई है। सीओ भूपेंद्र सिंह धौनी ने बताया कि तहरीर के आधार पर अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

सीसीटीवी की भी होगी जांच
सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह ने बताया कि आवास विकास परिषद कार्यालय के आसपास कई सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। इनकी जांच करवाई जाएगी।

चार दिन पहले लोगों ने आवास विकास कार्यालय के बाहर देखा था धुंआ
आसपास के लोगों ने चार दिन पहले आवास विकास कार्यालय के पास से धुंआ उठता देखा था। सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह ने कहा कि लोगों के बयान लिए गए हैं। पुलिस मामले की जांच करेगी।

आखिर कौन से दस्तावेज फूंके गए

फाइलाें में आग लगाने की बात सबकी जुबान पर है। सवाल यह है कि आखिर किस मकसद से कौन सी फाइलें फूंकी गई हैं। कहीं आवास विकास की करोड़ों की जमीन काे खुर्द-बुर्द कर फाइलों को आग के हवाले तो नहीं किया गया। यह तो स्पष्ट है कि किसी बड़े साक्ष्य को मिटाने के लिए ही किसी ने इतना बड़ा जोखिम लिया है।