सरोकार- ई पॉस मशीन गल्ला विक्रेताओं एवं उपभोक्ताओं के लिए बनी सिर दर्द

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पंखे की हवा से आ रहा है वजन में अंतर

कई घंटो तक सर्वर कनेक्ट नही होने ग्राहकों को वापस जाना पड़ रहा है

मशीन की क्वालटी पर संदेह

8 बजे से दुकान खोलके बैठे गल्ला ब्रिकेता की शिकायत पर कंट्रोल रूम में बैठा अधिकारी 11 बजे तक फोन नही उठाते

हल्द्वानी skt.com

खाद्य विभाग द्वारा पारदर्शिता बनाने के लिए जिस पॉस मशीन अव तोल कांटे का इस्तेमाल कर ग्राहकों को एक-एक दाना राशन दिए जाने का अभियान चलाया। यह अभियान जमीन पर उतरने के बजाय वह मशीन अब उपभोक्ताओं के साथ ही सस्ता गल्ला विक्रेताओ के लिए सर दर्द बनती जा रही है।

पॉस मशीन का सर्वर नहीं चलने से कई ग्राहकों को वापस जाना पड़ रहा है जबकि बिना अंगूठा लगाए राशन भी नहीं दिया जा सकता है। इस मशीन के बारे में ग्राहकों से पूछने पर यह पता चला कि मशीन का सर्वर ठीक नहीं है जब मशीन का सर्वर ठीक होगा तभी राशन मिल पाएगा इसके लिए उन्हें कई चक्कर लगाने पर रहे हैं।

वहीं कई दुकानों का दौरा करने के बाद हमारे संवाददाता ने पाया कि इलेक्ट्रॉनिक कांटे से जुड़ी इस पॉस मशीन में अगर एक दाना भी अधिक हो जाता है तो यह पॉस मशीन इसे ओके नहीं करती है अर्थात उपभोक्ता को राशन नहीं दिया जा सकता है । गल्ला विक्रेताओं द्वारा उन्हें बताया कि उनके लिए कई तरह की समस्या सामने आ रही है एक तो पॉस मशीन का सर्वर हमेशा डाउन रहता है इसकी शिकायत करने पर कंट्रोल रूम में बैठा अधिकारी 11:00 बजे तक फोन नहीं उठाते हैं ।जबकि वह 8:00 बजे दुकान में आकर ग्राहकों को राशन देने के लिए बैठे रहते हैं।

कई ग्राहकों के वापस होने पर उन्होंने बताया कि उनका कई घंटे तक लाइन में लगा और उसके बाद भी सर्वर नहीं लगने की वजह से उन्हें वापस जाना पड़ता है

आपूर्ति विभाग की यह मशीन की क्वालिटी पर भी संदेह के घेरे में ।ऐसा इसके अलावा पंखे की हवा से ही तोल कांटे पर फर्क पड़ रहा है जिससे पॉस मशीन राशन को ओके नहीं कर पा रही है। राशन लेने अब घंटो उपभोक्ताओं को खड़े रहकर इंतजार करना पड़ रहा है।

राशन कार्ड की एंट्री पोस्ट मशीन में चढ़ने पर उसमें हमेशा एक ही चीज लिखा आ रही है कृपया इंतजार करें और इसी इंतजार में उपभोक्ता परेशान हो जा रहा है

इस पॉस मशीन का बिना परीक्षण किए यह गल्ला विक्रेताओं पर थोप दी है। न ही इन्हें कोई ट्रेनिग दी गई। अधिकारियों को खुद नही पता कैसे चलेगी। जिस वजह से गल्ला विक्रेता एवम उपभोक्ता परेशान हो रहे हैं। सरकार ने गल्ला विक्रेताओं के भाड़ा में 10 रुपए की बढाने के बजाय ठेकेदार को प्रतिकुण्टल 70 रुपए का ठेका दे दिया। यह अधिकारियों की मिलीभगत का नतीजा है। तहसील स्तर पर 2 कर्मचारियों जो कि निजी कंपनी के नियुक्त किए है वह पॉस मशीन एवम तोल कांटे की दिक्कतों को सुनते तक नही। 11 बजे के बाद भी फ़ोन नही उठाते हैं।

नरेंद्र शर्मा अध्यक्ष सस्ता गल्ला बिक्रेता एसोसिएशन

अभी फिलहाल नई-नई मशीन लगी है एक महीने तक दिक्कत रहेगी लेकिन 4 तारीख से लेकर 24 तारीख तक 50% राशन बढ़ चुका है इसका मतलब मशीन भी काम कर रही है

दिव्या पांडे एआरओ पूर्ति विभाग

वही ए आर ओ ने अपने वक्तयव्य में कहा कि 4 जून से 24 जून तक 20 दिन में 50% राशन बढ़ चुका है लेकिन अब समझ नहीं आ रहा है शेष 7 दिन में 50% राशन कैसे उपभोक्ताओं को बटेगा इसका अर्थ है कि उपभोक्ता परेशान है और अधिकारी बेलगाम है