हर्षिल से टला खतरा!, झील को पंचर करने में मिली बड़ी कामयाबी

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धराली आपदा(Uttarkashi Dharali) के बाद टाइम बन बनी हर्षिल झील से खतरा अब टलता नज़र आ रहा है। बीते कई दिनों से खतरा बनी इस झील को अब पंचर करने में बड़ी सफलता मिल गई है। तीन दिनों की कड़ी मश्क्कत के बाद अब आखिरकार झील से पानी की निकासी बढ़ा दी गई है जिससे झील का जलस्तर घटने लगा है।

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हर्षिल से टला खतरा!, झील को पंचर करने में मिली बड़ी कामयाबी

दरअसल 5 अगस्त को धराली में आई आपदा के बाद धराली और हर्षिल क्षेत्र में भागीरथी नदी (Bhagirathi River) का बहाव बाधित हो गया था। हर्षिल में नदी के मुहाने पर बड़े-बड़े बोल्डर, पेड़ और मिट्टी फंसने से नदी का प्राकृतिक प्रवाह बाधित हो गया। यहां 15 फीट की झील बन गई जिसका दायरा 1200 मीटर तक पहुंच गया था।

उत्तरकाशी में लगातार हो रही बरसात से हालात और बिगड़ गए। पानी की निकासी बेहद कम होने की वजह से झील का स्तर लगातार बढ़ा गया। गंगोत्री हाईवे भी झील में समा गया और आसपास के गांवों के लिए खतरा बढ़ गया।

तीन दिनों की कड़ी मशक्कत के बाद मिली बड़ी सफलता

झील के इस बढ़ते जलस्तर को देखते हुए यूजेवीएनएल और सिंचाई विभाग के 30 इंजीनियरों की टीम के साथ ही सेना एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की टीमों ने झील को पंचर करने का मोर्चा संभाला। तीन दिनों की कड़ी मशक्कत के बाद शनिवार सुबह झील को पंचर करने में बड़ी सफलता हाथ लगी।

पानी की निकासी हुई तेज

दरअसल शनिवार को भागीरथी नदी को चैनलाइज कर नया रास्ता दिया गया और मुहाने पर अटके भारी पेड़ों को हटाया गया। जिसके बाद पानी की निकासी तेज हो गई और झील का जल स्तर भी गिरने लगा है। विशेषज्ञ अब भी लगातार झील की निगरानी कर रहे हैं ताकि किसी भी नई स्थिति से निपटा जा सके।

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