हरदा ने किया मौन उपवास का ऐलान, टिहरी विस्थापितों को न्याय दिलाने के लिए बनाया ये प्लान

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पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत टिहरी बांध के विस्थापित परिवारों को भूमिधरी का अधिकार न मिलने के विरोध में एक फरवरी को गांधी पार्क में मौन उपवास पर बैठने का ऐलान किया है।


टिहरी विस्थापितों को न्याय दिलाने की मांग को लेकर उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत ने आगामी एक फरवरी को देहरादून के गांधी पार्क में मौन उपवास पर बैठने का ऐलान किया है। हरदा ने कहा कि ये बेहद चिंताजनक है कि टिहरी बांध निर्माण से लोगों ने खेती बाड़ी, अपने घर की कुर्बानी दी। लेकिन 42 साल बाद भी विस्थापितों को दी गई जमीन पर भूमिधरी का अधिकार नहीं मिला है। हरिद्वार पथरी में बसे लोग इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।

कांग्रेस ने जारी किए थे मालिकाना हक देने के निर्देश
हरदा ने कहा कि 2016 में हमारी सरकार ने टिहरी विस्थापितों को मालिकाना हक दिए जाने के निर्देश जारी किए थे और पत्रावली तैयार करवाई थी। लेकिन सत्ता परिवर्तन होने के बाद यह प्रक्रिया ठंडे बस्ते में डाल दी गई। उन्होंने कहा कि वन विभाग ने अपनी ओर से सर्वेक्षण कराया था लेकिन इस तथा कथित सर्वेक्षण में टिहरी विस्थापितों के पास आवंटित 912 एकड़ भूमि की बजाय 968 एकड़ भूमि पर कब्जेदार बताए जाने के बाद सारे मामले को उलझाया गया।

उपवास पर बैठने की दी चेतावनी
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने वन विभाग द्वारा कराए गए सर्वेक्षण और उसके निष्कर्ष को वापस लिए जाने की मांग उठाई है। हरदा ने कहा कि टिहरी विस्थापितों को न्याय नहीं मिला तो वह आगामी एक फरवरी को गांधी पार्क में एक घंटे का मौन उपवास रखकर अपना विरोध दर्ज कराएंगे।