Garuda Purana: क्या मृत्यु के बाद आत्मा तुरंत धारण कर लेती है दूसरा शरीर, आखिर कितना लगता है समय?
Mrityu Ke Baad Aatma Ka Safar: लोगों के मन में हमेशा ये सवाल आता है कि शरीर से निकलकर आत्मा अपनी यात्रा पर निकल गई है, तो वो जाएंगी कहां और कितने दिन लगेंगे उसे नया शरीर धारण करने में? आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं.
Mrityu Ke Baad Aatma Ka Safar: आज बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र ने दुनिया को अलविदा कह दिया. यानी आज उनका निधन हो गया. मुंबई के विले पार्ले में उनका अंतिम संस्कार किया गया. उनके बड़े बेटे सनी देओल ने उन्हें मुखाग्नि दी, लेकिन हिंदू धर्म शास्त्रों और पुराणों में बताया गया है कि मृत्यु सिर्फ शरीर की होती है. आत्मा अमर मानी जाती है.
हालांकि, लोगों के मन में हमेशा ये सवाल आता है कि शरीर से निकलकर आत्मा अपनी यात्रा पर निकल गई है, तो वो जाएंगी कहां और कितने दिन लगेंगे उसे नया शरीर धारण करने में? आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं.
गरुण पुराण के अनुसार…
गरुण पुराण 18 महापुराणों में शामिल है. इसमें शरीर की मृत्यु हो जाने के बाद आत्मा की यात्रा का वर्णन और उसके बारे में सब कुछ विस्तार से बताया गया है. गरुड़ पुराण के अनुसार, मृत्यु के बाद आत्मा बहुत लंबा सफर तय करती है. मृत्यु के बाद आत्मा यमलोक पहुंचती है, जहां उसको मृत्यु के देवता यमराज के सामने पेश किया जाता है. कहा जाता है कि इस यात्रा में आत्मा करीब 86 हजार योजन की दूरी तय करती है.
कितने दिन में होता है आत्मा का पुनर्जन्म?
कर्म अच्छे हैं, तो आत्मा को यमलोक पहुंचने में किसी भी तरह की प्रताड़ना नहीं दी जाती है, लेकिन कर्म बुरे हैं, तो आत्मा को कई तरह के कष्ट दिए जाते हैं. गरुड़ पुराण में उल्लेख मिलता है कि मनुष्य जैसे कर्म करता है, उसकी आत्मा वैसे ही सफर तय करती है. पौराणिक शास्त्रों में बताया गया है कि पुनर्जन्म मृत्यु के तीसरे दिन से लेकर 40वें दिन में होता है. यानी आत्मा को इन 40 दिनों के सर्कल से होकर गुजरना होता है.
माना जाता है कि आत्मा को इन 40 दिनों के सर्कल से गुजरने के बाद मोक्ष भी मिल सकता है. अब ये मनुष्य के कर्म निर्धारित करते हैं कि उसकी आत्मा भगवान को पाएगी या उसे फिर से संसारिक मोह माया में मृत्यु लोक पर लौटकर आना होगा.
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