वन सरपंचों का अल्टीमेटम-हरेला नही मनाया जाएगा, सीएम को भेजा 5 सूत्रीय ज्ञापन

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हल्द्वानी skt. com
वन पंचायत को सशक्तिकरण संवैधानिक दर्जा एवं वित्तीय व्यवस्था नहीं किए जाने से नाराज वन सरपंचों ने अपनी पांच सूत्री मांगों को लेकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेज दिया है।

आक्रोशित सरपंचों का कहना है कि काफी लंबे समय से सरपंचों द्वारा अपनी मांग रखी जा रही है लेकिन सरकार इस पर कोई ध्यान नहीं दे रही है जिससे यह लग रहा है कि सरकार वन पंचायत और वन सरपंचों की कोई अहमियत नहीं जान रही है ।

सरकार के अड़ियल रवैया के कारण वन सरपंचों ने इस वर्ष हरेला त्यौहार ना मानने का निर्णय लेते हुए मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन भेजा है । ज्ञापन में कहा गया है कि वन परिषद सलाहकार का गठन कर पंचायत को वन विभाग से अलग कर उन्हें स्वायत तरीके से काम करने की आजादी दी जाए। वन सरपंचों को अग्निशमन उपकरण प्रदान करते हुए उन्हें मानदेय भी प्रदान किया जाए ताकि वह अपना कार्य स्वायतधारी तरीके से कर सके।


इसके अलावा ब्रिटिश कालीन काले वन नियमों को हटाकर वन सरपंचों की सलाह पर ठोस कानून बनाए जाएं नियमों का गठन किया जाय।

वर्चुअल बैठक में ढाई दर्जन से अधिक वन सरपंचों ने एकमत से सरकार को जिटेट हुए कहा कि अगर उनकी मांग नहीं मानी गई तो इस बार हरेला त्यौहार नहीं मनाया जाएगा। इसके साथ ही पर्यावरणीय कार्यक्रमों का बहिष्कार किया जाएगा इसके बावजूद भी अगर सरकार ने उनकी मांगों को नजर अंदाज किया तो उन्हें आंदोलन करने के लिए भी होना पड़ सकता है।

वर्चुअल बैठक में प्रदेश स्तरीय वन परामर्शदात्री समिति के सदस्य एवम अल्मोड़ा वन पंचायत समिति के अध्यक्ष गणेश जोशी के अलावा घनानंद जोशी विनोद चंद्र पांडे गणेश सिंह नेगी निशा जी लीला बोरा, राजेंद्र सिंह राणा, राम सिंह ,राजेंद्र कनवाल, सुदर्शन सिंह ,भगत सिंह, प्रमोद राणा ,टी बर्तवाल, सुभाष कुमार प्रशांत कृपाल लाला, भूपेंदर, बीपी सती ,,नंदलाल महिपाल सिंह राणा प्रवीण चंद दीपक पांडे इंद्र सिंह तारादत्त पांडे प्रकाश हरबोला समेत ढाई दर्जन से अधिक वन सरपंच मौजूद।