पांच बार मौत से बचा, छठी बार भी बच जाता…लेकिन फिर हुआ कुछ यू कि चली गई जान





वो कहते है ना कि जिदंगी और मौत का समय पहले से ही तय होता है। ना ही समय से पहले मौत आती है और समय आने पर लाख कोशिशों के बावजूद कोई बचा नहीं सकता। कुछ ऐसा ही मामला हनुमंत विहार से सामने आ रहा है। यहां पर नशे के लती एक युवक ने पांच बार आत्महत्या करने का प्रयास किया।
लेकिन हर बार उसकी जान बच गई। हालांकि सोमवार रात छठी बार उसने एक बार फिर से जान देने की कोशिश की। फांसी का फंदा एक बार फिर टूटा लेकिन इस बार उसका सिर फर्श पर लगने से वो उठ नहीं सका। मां ने देखा तो उसे अस्पताल ले जाया गया। लेकिन उसकी मौत हो गई।
शुरूआत से जानें पूरा मामला
दरअसल ये पूरी घटना खाड़ेपुर के योगेंद्र विहार पाल चौराहा की है। यहां रहने वाला 27 साल का हिमांशु साहू नौकरी करता था। परिवार में दो भाई और मां कुसुमदेवी हैं। बड़े भाई की माने तो शराब की लत ने उसे चिड़चिड़ा बना दिया था। किसी से भी वो भिड़ जाता था। दोनों भाइयों से मारपीट कर उन्हें घर से निकाल दिया। जिसके बाद वो किराए के मकान पर रहते हैं। मकान में मां व हिमांशु ही रहते थे।
पांच बार मौत से बचा
परिवार की माने तो जब भी घर में विवाद बढ़ता या झगड़ा होता तो हिमांशु खुदकुशी की धमकी देता था। गुस्से में कई बार उसने फंदा भी लगाया। बीते दो सालों में वो ये काम करीब पांच बार कर चुका था। लेकिन हर बार या तो वक्त रहते उसे घरवाले बचा लेते। कभी फंदा ढीला हो जाता, कभी गांठ खुल जाती। तो कभी लोग दरवाजा तोड़कर उसे उतार लेते।
छठी बार भी बच जाता…लेकिन फिर हुआ कुछ यू कि चली गई जान
पांच बार उसने मौत को गले लगाने की कोशिश की। लेकिन हर बार फांसी का फंदा उसके गले तक पहुंचता लेकिन किसी ना किसी तरह वो बच जाता। लेकिन छठी बार किस्मत ने ऐसा खेल खेला की उसकी सच में ही मौत हो गई।
सोमवार देर रात खाना खाने के बाद मां छत पर सोने चली गई। इसी बीच उन्हें कुछ आवाज आई। नीचे जाकर देखा तो हिमांशु जमीन पर पड़ा हुआ था। उसके सिर और चेहरे से खून निकल रहा था। उसे अस्पताल ले जाया गया। लेकिन उसकी मौत हो गई। भाई के मुताबिक हिमांशु ने मां की साड़ी का फंदा बनाया था। लेकिन फंदा टूटने से वो निचे गिर गया।
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