नकली देश के नकली झंडे…, नेताओं संग मॉर्फड तस्वीरें, 4 देशों के दूतावास का एम्बेसडर, नाम Harshvardhan Jain




क्या आपने भी West Arctica, Saborga, Poulvia, Lodonia आदि देशों के नाम कभी सुने हैं? नहीं ना…? क्योंकि ये देश है ही नहीं। लेकिन उसके बावजूद इन देशों का दूतावास उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में था।
जी हां, ऐसा ही एक फर्जीवाड़ा का मामला गाजियाबाद (Ghaziabad) से सामने आ रहा है। जिसे सुनपर आप भी अपना माथा पकड़ लेंगे। चलिए जानते है पूरा मामला आखिर है क्या?
खुद को 4 देशों के दूतावास का एम्बेसडर कहता था harshvardhan jain
दरअसल गाजियाबाद के कविनगर में एक शख्स ने आलीशाम कोठी में में ये दूतावास बनाया था। इसी का भंडाफोड़ हुआ है। ये दूतावास नकली थी। किराए में ली कोठी से हर्षवर्धन जैन नाम का शख्स नकली दूतावास चला रहा था। वो बेरोजगार लोगों को विदेश भेजने के नाम पर लूटता था। लोगों को वो अपनी बातों में इस तरह फंसाता था कि उस पर कोई शक ना कर पाए। हर्षवर्धन की कोठी के बाहर लग्जरी कारें खड़ी रहती थीं। जिसमें फर्जी डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट भी लगी हुई थीं।
नेताओं संग मॉर्फड तस्वीरें harshvardhan jain fake embassy
बता दें कि इस फर्जीवाड़ा को रियल दिखाने के लिए उसने अपने फर्जी ऑफिस के अंदर उसने प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और अन्य व्यक्तियों के साथ अपनी मॉर्फ तस्वीरें लगा रखी थी। जिससे ये साबित हो जाए कि वो सच में कोई बड़ा अधिकारी है। हर्षवर्धन खुद को इन चार देशों का एम्बेसडर बताता था। इसी के जरिए वो अवैध धंधा भी करता था। उसका मेन काम था बेरोजगारों को बाहर विदेश में काम दिलाने का झांसा देना। साथ ही शेल कंपनियों के जरिए हवाला रैकेट चलाना।
कोठी के बाहर चार लग्जरी कारें
ऐसे में अब हर्षवर्धन पुलिस की गिरफ्त में है। उससे पूछताछ की जा रही है। छापेमारी में यूपी एसटीएफ को कोठी से चार लग्जरी गाड़ी मिली। इन चार देशों के नकली झंडे भी हर्षवर्धन ने लगा रखे थे।
ये-ये चीजें हुई बरामद
जिसमें डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट लगी थी। इसके साथ ही काल्पनिक माइक्रोनेशन देशों के 12 डिप्लोमैटिक पासपोर्ट, नकली दस्तावेज, विदेश मंत्रालय की फर्जी मोहर, दो फर्जी पैन और प्रेस कार्ड, अलग-अलग देशों और कंपनियों की 34 मोहरें मिली। साथ ही साथ 44.7 लाख रुपए कैश भी बरामद किए गए। जिसमें कई देशों की विदेशी मुद्रा भी शामिल थी। हर्शवर्धन के पास से कई कंपनियों के दस्तावेज और 18 डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट भी बरामद की गई।
भारत तक ही सीमित नहीं है फर्जी कारोबार
बताते चलें कि हर्षवर्धन का ये फर्जी कारोबार केवल भारत तक ही सीमित नहीं था। वो शेल कंपनियों के जरिए हवाला रैकेट भी चला रहा था। जिसके तार विदेशी अपराधियों से जुड़े हो सकते है। उसका नेटवर्क लोगों को विदेशों में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगता था। कहा जा रहा है कि वो अवैध धन के लेन-देन में भी शामिल था। इसमें अन्य सदस्यों और अंतरराष्ट्रीय कनेक्शनों के होने की भी आशंका जताई जा रही है।
आगे की जांच जारी
हर्षवर्धन के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। एसटीएफ उससे पूछताछ कर रही है। जिसके चलते उसके नेटवर्क का पता लगाया जा सके।
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