उत्तराखंड में फर्जी BAMS डाक्टरों के गिरोह का भंडाफोड़, तीन गिरफ्तार

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उत्तराखंड में एसटीएफ ने फर्जी BAMS डाक्टरों के गिरोह का भंडाफोड़ किया है। एसटीएफ ने दो फर्जी डाक्टरों को गिरफ्तार भी कर लिया है। एसटीएफ को आशंका है कि उत्तराखंड में लगभग तीन दर्जन फर्जी BAMS डाक्टरों का गिरोह हो सकता है जो फर्जी तरीके उत्तराखंड में पंजीकरण कराकर क्लीनिक चला रहें हैं।


दरअसल पिछले कुछ महीनों से एसटीएफ उत्तराखंड में प्रैक्टिस कर रहे BAMS डाक्टरों की गुपचुप जांच कर रही थी। इनमें से कई डाक्टर उत्तराखंड में पंजीकरण कराकर अपना क्लीनिक चला रहे थे। एसटीएफ के पास स्ट्रांग इनपुट थे कि जिस BAMS की डिग्री पर इन डाक्टरों ने उत्तराखंड में पंजीकरण कराया है वो डिग्री ही फर्जी है।


इसी जांच में एसटीएफ को पता चला कि अधिकतर डाक्टरों ने ज्यादातर फर्जी आयुर्वेदिक चिकित्सकों की डिग्री राजीव गांधी हेल्थ एण्ड साईंस यूर्निवसिटी कर्नाटका से ली है। ये डिग्री पूरी तरह से फर्जी निकलीं। इन डिग्रियों को मुजफफरनगर के बाबा ग्रुप ऑफ काॅलेज के मालिक इमरान और इमलाख ने तैयार कराया था।


पुलिस ने इमरान को गिरफ्तार कर लिया लेकिन इमलाख फरार हो गया। इमरान ने बड़ा खुलासा किया। पता चला कि एक एक डिग्री आठ आठ लाख रुपए में बनाई गई थी। डाक्टर बनाने वाले ये दोनों खुद 10वीं पास हैं।


इमरान के पास से 102 ब्लैंक डिग्रियां, एक जारी डिग्री, 48 अलग-अलग कॉलेजों के लिफाफे, 208 लेटर पैड अलग-अलग यूनिवर्सिटी के, 8 मोहरें अलग-अलग यूनिवर्सिटी की, तीन डॉक्टरों के अनुसार प्रमाण पत्र और बीएमएस की एक जारी फर्जी डिग्री बरामद हुए हैं।


एसटीएफ को शक है कि उत्तराखंड में भारतीय चिकित्सा परिषद के दफ्तर में भी कोई इनका मददगार है जो इनके पंजीकरण में इनकी मदद कर रहा था। तभी इतने बड़े पैमाने पर उत्तराखंड में फर्जी डिग्रियों पर पंजीकरण किए गए।


एसटीएफ ने देहरादून के दो फर्जी डाक्टरों को भी गिरफ्तार किया है। एसटीएफ ने आयुर्वेदिक चिकित्सक प्रीतम सिंह और मनीष अली को गिरफ्तार किया है। इनकी बीएएमएस की मूल डिग्री फर्जी पाई गई, दोनों की मूल डिग्री को बरामद कर लिया गया है। जांच में दोनों चिकित्सकों के द्वारा फर्जी डिग्री के आधार पर भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड में रजिस्ट्रेशन करके क्रमशः प्रेमनगर और रायपुर में अपने अपने क्लिीनिक खोल कर चिकित्सा अभ्यास कर रहे थे।