उत्तराखंड में बन रही है कूड़े से बिजली, दो शहरों में शुरू हुआ उत्पादन
उत्तराखंड में कूड़े से बिजली का उत्पादन हो रहा है। प्रदेश के दो शहरों में कूड़े से बिजली का उत्पादन हो रहा है। प्रदेश में वेस्ट टू एनर्जी मॉडल के तहत शहरों में पैदा होने वाले कूड़े से बिजली और खाद बनाई जा रही है।
उत्तराखंड में बन रही है कूड़े से बिजली
ईकोलॉजी और इकोनॉमी संतुलन को लेकर सीएम पुष्कर सिंह धामी के प्रयास रंग ला रहे हैं। शहरों में कूड़ा प्रबंधन बहुत बड़ा चुनौती पूर्ण कार्य है। बढ़ते आबादी से शहरों में कूड़ा उत्पादन दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है। इस कारण नगर निकायों के सामने, स्वच्छता से लेकर पर्यावरण प्रदूषण की भी चुनौती पेश आ रही है। लेकिन उत्तराखंड के दो निकायों ने अब इस कूड़े से बिजली और खाद उत्पादन शुरू कर नई राह दिखाई है और प्रदेश में कूड़े से बिजली बन रही है।
कूड़े का तेजी से हो रहा निस्तारण
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विभागों को इकोलॉजी और इकोनॉमी में संतुलन बनाते हुए विकास की योजना बनाने को कहा है। इसी क्रम में शहरी विकास विभाग के अधीन रुद्रपुर नगर निगम और मसूरी नगर पालिका ने वेस्ट टू एनर्जी पॉलिसी लाई है। इस पॉलिसी के तहत कूड़े के ढेर से बिजली उत्पादन शुरू कर दिया गया है। कूड़े से बिजली बनाने का काम करने से रुद्रपुर नगर निगम ने वर्षों पुराने कूड़े के ढेर का भी निस्तारण कर दिया है।
बिजली के साथ ही बनाई जा रही जैविक खाद भी
बता दें कि 40 वार्ड वाले रुद्रपुर नगर निगम से प्रतिदिन 105 से 118 मीट्रिक टन कूड़ा पैदा होता है। पहले बड़ी संख्या में कूड़ा डम्पिंग साइट पर बिना निस्तारण के ही लंबे समय तक पड़ा रहता था। इसके लिए नगर निगम ने नवंबर 2022 में पीपीपी मॉडल के तहत वेस्ट टू एनर्जी प्लांट पर काम प्रारंभ किया। जो अब बिजली के साथ ही जैविक खाद भी उत्पादन करने लगा है। इस प्लांट की क्षमता 50 टन प्रतिदिन कूड़ा निस्तारण की है, वर्तमान में यह प्लांट अभी 30 टन कूड़ा प्रतिदिन इस्तेमाल कर पा रहा है। जिससे अभी रोजाना छह किलोवॉट बिजली के साथ ही कल्याणी नाम से जैविक खाद भी बन रही है।
मसूरी में भी बनाई जा रही कूड़े से बिजली
कूड़े से बिजली बनाने के क्रम में मसूरी नगर पालिका ने भी कदम उठाया है। मसूरी नगर पालिका ने भी इसी साल मई से वेस्ट टू एनर्जी प्लांट से उत्पादन शुरू किया है। पीपीपी मोड के इस प्लांट की क्षमता हर दिन आठ टन कूड़ा निस्तारण की है। इस कूड़े से नगर पालिका बायो गैस पैदा करती है। इसके साथ ही जैविक खाद का भी उत्पादन किया जा रहा है। इससे मसूरी जैसे पयर्टक स्थल पर कूड़े की समस्या का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण संभव हो पाया है।
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