चुनाव आयोग की नई गाइडलाइन- जीत के बाद यह काम नही कर पाएंगे विजयी विधायक
देहरादून एसकेटी डॉट कॉम
चुनावआयोग की ओर से मतगणना की तैयारियां शुरू हो गई है। कर्मचारियों को मतगणना का प्रशिक्षण दिया जा चुका है। सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी गई है किसी भी तरह की लापरवाही के लिए जिम्मेदारियां तय कर दी गई है। इसके साथ ही निर्वाचन आयुक्त ने जीत की घोषणा के बाद किसी भी प्रत्याशी के लिए भेजें जुलूस निकालने पर पाबंदी लगा दी है। विजई प्रत्याशियों के समर्थकों के लिए यह एक प्रकार का झटका होगा हालांकि निर्वाचन आयोग इसे सुरक्षा व्यवस्था और भीलवाड़ा से बचने की वजह से लिया गया फैसला बता रहा है।
उत्तराखंड विधानसभा चुनावों की मतगणना में अब पांच दिन ही शेष बचे हए हैं। इसी के साथ चुनाव मशीनरी और प्रत्याशियों ने मतगणना की तैयारी तेज कर दी हैं। हालांकि विजयी प्रत्याशी अब भी विजय जुलूस नहीं निकाल पाएंगे। निर्वाचन आयोग ने आठ जनवरी को चुनाव आचार संहिता की घोषणा के साथ ही मतगणना तक के लिए गाइडलाइन जारी कर दी थीं।
इसमें राजनैतिक गतिविधियों पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं, जिसमें विजय जुलूस में भीड़ जोड़ना भी शामिल है। अब आयोग हालांकि अन्य गतिविधियों में काफी ढील दे चका है। लेकिन विजय जुलूस के मामले में अभी छूट नहीं मिली है। इधर, आयोग ने मतगणना के लिए विशेष पर्यवेक्षक के तौर पर दूसरे राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों की भी तैनाती की है। जो मतगणना से एक दिन पहले अपने अपने जिले के मतगणना केंद्रों पर पहुंच जाएंगे। स्ट्रांग रूम की सील पर्यवेक्षकों की निगरानी में ही खोली जाएगी। साथ ही पूरी मतगणना समाप्त होने तक उक्त अधिकारी मतगणना केंद्रों पर ही मौजूद रहेंगे। संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रताप शाह ने बताया कि मतगणना के लिए सभी आरओ को आवश्यक निर्देश दिए हैं।
, नई सरकार बनने का समय नजदीक आने के साथ ही राजभवन में विधायी मामलों पर कसरत तेज हो गई है। सूत्रों के अनुसार इन दिनों राज्यपाल गुरमीत सिंह विधि सलाहकार से नियमित परामर्श ले रहे हैं। मतगणना के बाद बहुमत का दावा करने वाले दल को राज्यपाल के सामने ही सरकार बनाने का दावा पेश करना है। प्रस्ताव पर विचार करने के बाद राज्यपाल किसी दल को सरकार बनाने का निमंत्रण देंगे।
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