Election 2024 : मैदानी इलाकों में खूब हो रहा चुनाव प्रचार, पहाड़ों पर नहीं दिख रहे पोस्टर और कम है प्रचार का शोर
लोकसभा चुनाव के लिए अब कुछ ही दिन बचे हैं। जैसे-जैसे मतदान का समय पास आ रहा है वैसे-वैसे चुनाव प्रचार पार्टियों द्वारा और तेजी से किया जा रहा है। कांग्रेस हो या बीजेपी दोनों ही पार्टियों के स्टार प्रचारक एक के बाद एक उत्तराखंड प्रचार के लिए आ रहे हैं। चुनाव प्रचार की बात करें तो उत्तराखंड के मैदानी इलाकों में तेजी से हो रहा है लेकिन पहाड़ों पर चुनाव प्रचार की रफ्तार देखने को नहीं मिल रही है।
पांच सीटों में से सिर्फ एक सीट पूरी तरह से मैदानी
उत्तराखंड में गढ़वाल मंडल की अगर बात करें तो इसमें तीन लोकसभा सीटें आती हैं। जिसमें से टिहरी सीट का कुछ हिस्सा मैदानी है तो वहीं हरिद्वार सीट तो पूरी तरह से मैदानी सीट है। और पौड़ी गढ़वाल सीट भी पहाड़ और रामनगर का कुछ मैदानी हिस्सा अपने में समेटे हुए है। कुमाऊं मंडल की बात करें तो जहां अल्मोड़ा संसदीय क्षेत्र पूरी तरह से पहाड़ी है तो वहीं नैनीताल संसदीय क्षेत्र पहाड़ भाबर और तराई को अपने में समेटे हुए है। ऐसे में प्रत्याशियों को प्रचार के लिए यहां खूब पसीना बहाना पड़ रहा है।
मैदानी इलाकों में खूब हो रहा चुनाव प्रचार
अगर चुनाव प्रचार की बात की जाए तो प्रदेश के मैदानी इलाकों में चुनाव प्रचार जोरों-शोरों से किया जा रहा है। हरिद्वार हो या देहरादून या फिर हल्दानी हो या उधम सिंह नगर यहां पर कांग्रेस और बीजेपी चुनाव प्रचार में जुटी हुई है। बड़े-बड़े दिग्गजों की यहां पर जनसभाएं की जा रही हैं। पीएम मोदी से लेकर कांग्रेस की दिग्गज नेत्री प्रियंका गांधी यहां पर चुनावी जनसभा को संबोधित कर चुके हैं। जेपी नड्डा, राजनाथ सिहं से लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ तक उत्तराखंड में देहरादून, रूड़की और हल्द्वानी में जनसभा कर पार्टी के लिए वोट मांग चुके हैं। लेकिन पहाड़ों पर चुनाव प्रचार थोड़ा धीमा नजर आ रहा है।
पहाड़ों पर कम है प्रचार का शोर
पहाड़ों की बात करें तो पहाड़ों पर प्रचार का शोर कम है। पहाड़ों में भी अगर कुमाऊं और गढ़वाल मंडल की बात करें तो कुमाऊं मंडल में केवल दो सीटें आती हैं। जिनमें से एक सीट तो पूरी तरह से पहाड़ी है। चार जिलों को अपने में समेटे हुए अलमोड़ा लोककभा सीट काफी खास है। इस सीट का इतिहास भी जबरदस्त रहा है।
लेकिन यहां पर चुनाव प्रचार का शोर या तो बहुत कम सुनाई दे रहा है या फिर कुछ इलाकों में तो सुनाई ही नहीं दे रहा है। आलम ये है कि कुछ इलाकों में तो पोस्टर और बैनर तक नजर नहीं आ रहे हैं। केवल अल्मोड़ा, चंपावत, पिथौरागढ़ और बागेश्वर की मुख्य बाजारों में प्रत्याशी वोट अपील करते हुए नजर आ रहे हैं। बात करें गढ़वाल मंडल की तो पौड़ी और टिहरी में मुकाबला जबरदस्त होता नजर आ रहा है। और यहां पर दोनों पार्टियां प्रचार-प्रसार भी तेजी से कर रही हैं। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा प्रचार-प्रसार ना होके मुख्य बाजारों में ही प्रचार हो रहा है
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