शिक्षा का जुनून: 61 की उम्र में लिया कक्षा एक में दाखिला, जानें कैसे हुआ शिक्षा के प्रति लगाव पैदा
सीखने पढ़ने की कोई उम्र नहीं होती, जब जैसा समय मिले, परिस्थिति हो, पढ़ना और सीखना चाहिए। इसी बात को सार्थक किया है 61 वर्षीय चंतरा देवी ने। चंतरा देवी अपने नाती-नातिन के साथ रोज स्कूल जाती है और कक्षा में बैठकर बाकी छात्र- छात्राओं की तरह पढ़ाई भी करती है।
ऐसे हुआ शिक्षा के प्रति लगाव पैदा
चंतरा देवी (61) निवासी बैतड़ी नेपाल (पिथौरागढ़ से सटा गांव) ने उम्र को महज़ एक संख्या से अधिक कुछ नहीं माना। बता दें चंतरा देवी अपने नाती नातिनों को रोज स्कूल छोड़ने के लिए जाती थी। धीरे धीरे उनके मन में भी शिक्षा के प्रति लगाव पैदा हो गया।
नाती और नातिन के साथ जाती है बुजुर्ग स्कूल
स्कूल के अध्यापकों से मिले प्रोत्साहन के बाद उन्होंने कक्षा एक में अपना दाखिला कराया। जानकारी के अनुसार चंतरा देवी की अध्यापिका भागीरथी बिष्ट ने बताया कि इसी साल चंतरा देवी ने क, ख ग अपना नाम लिखना और कविताएं पढ़ना सीख लिया है। स्कूल की तरफ से उनके लिए कॉपी, पेंसिल, बैग और लंच बॉक्स की व्यवस्था की गई है।
आगे की शिक्षा के लिए दिया जाएगा पूरा सहयोग : प्रधानाध्यापक
भागीरथी बिष्ट बताती है कि वह अपने सहपाठी बच्चों के साथ मिलकर स्कूल की हर गतिविधि में हिस्सा लेती हैं। पाटन नगरपालिका आठ स्कूल के प्रधानाध्यापक राम कुंवरनग ने बताया कि चंतरा देवी को आगे की शिक्षा के लिए पूरा सहयोग दिया जाएगा।
उम्र के इस पड़ाव में पढ़ाई का महत्व समझ आया : चंतरा देवी
जानकारी के अनुसार चंतरा देवी बताती है कि मुझे अब उम्र के इस पड़ाव पर पढ़ाई का महत्व समझ में आया है। उम्र रहते पढ़ाई नहीं कर पाने का बहुत दुख है। कितनी भी समस्याएं आ जाएं लेकिन हर व्यक्ति को पढ़ाई कभी नहीं छोड़नी चाहिए।
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