कोरोना की तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए शिक्षा विभाग ने जारी किये आदेश,पढ़े
सीएम के आदेश के बाद राज्य में स्कूल तो खोले गए लेकिन आधी अधूरी तैयारियों दूरियों के साथ और इसी बीच शिक्षा विभाग की तरफ से एक बड़ी खबर सामने आ रही है बता दें कि ऐसे में इकाई परीक्षा, गृह कार्य एवं प्रोजेक्ट को लेकर भी शिक्षा विभाग ने बड़े निर्देश जारी कर दिए है।इसके तहतशिक्षा सत्र में कुल 04 इकाई परीक्षायें ली जायेंगी, जिसमें से 02 इकाई परीक्षायें अर्द्धवार्षिक परीक्षा से पूर्व तथा 02 इकाई परीक्षायें अर्द्धवार्षिक परीक्षा के बाद ली जायेंगी। 2. इकाई परीक्षा का आयोजन माह अगस्त सितम्बर, दिसम्बर एवं जनवरी / फरवरी माह में किया जायेगा। कोविड गाइडलाइन का अनुपालन सुनिश्चित करते हुये तद्समय की परिस्थितियों के दृष्टिगत परीक्षायें ऑनलाइन / ऑफलाइन मोड में संचालित की जायेंगी। 3. कोविड संक्रमण की सम्भावित परिस्थितियों के दृष्टिगत इन इकाई परीक्षाओं, अर्द्धवार्षिक परीक्षाओं व प्री-बोर्ड परीक्षाओं में विद्यार्थी द्वारा प्राप्त अंको का उपयोग परिषदीय परीक्षा 2022 के परीक्षाफल निर्माण में किया जा सकता है।
इकाई परीक्षाऐं निर्धारित के अन्तिम माह सप्ताह में सम्पादित की जायेंगी। प्रधानाचार्य / प्रधानाध्यापक समस्त परीक्षार्थियों को अवगत करा दें जिससे परीक्षार्थी परीक्षा हेतु मानसिक रूप से तैयार हो सकें। इकाई परीक्षा दिवसों में इकाई परीक्षाओं के अतिरिक्त शेष समय
में शिक्षण कार्य विधिवत जारी रहेगा तथा विद्यालय निर्धारित समय पर ही बन्द होगा। 5. प्रत्येक इकाई परीक्षा एक घण्टे की होगी, इसके अतिरिक्त 20 मिनट छात्रों को प्रश्न लिखने के लिए दिये जायेंगे।
में शिक्षण कार्य विधिवत जारी रहेगा तथा विद्यालय निर्धारित समय पर ही बन्द होगा। 5. प्रत्येक इकाई परीक्षा एक घण्टे की होगी, इसके अतिरिक्त 20 मिनट छात्रों को प्रश्न लिखने के लिए दिये जायेंगे।प्रत्येक इकाई परीक्षा परीक्षा तिथि से पूर्व किए गये इकाई शिक्षण कार्य के आधार पर ली जायेगी।
विषय अध्यापक प्रत्येक इकाई परीक्षा के प्रश्न निर्माण में ज्ञानात्मक, बोधात्मक कौशलात्मक एवं अनुप्रयोगात्मक के आधार पर अति लघुउत्तरीय लघुउत्तरीय / दीर्घउत्तरीय प्रश्नों का समावेश करेंगे। परीक्षा से पूर्व प्रधानाध्यापक / प्रधानाचार्य यह सुनिश्चित करेंगे कि अध्यापक के द्वारा निर्मित प्रश्न पत्र उपरोक्त निर्देशानुसार बना है या नहीं। प्रश्न पत्र में प्रश्नों की पुनरावृत्ति कदापि नहीं की जायेगी।
इकाई परीक्षा हेतु छात्र प्रत्येक विषय के लिए अपनी अलग-अलग एक-एक नोट बुक रखेंगे, जिसमें समस्त इकाई परीक्षाओं का उत्तर लिखा जायेगा।विद्यालय में गृह परीक्षा प्रकोष्ठ स्थापित होगा जो इकाई परीक्षाओं का संचालन उसी प्रकार करेगा, जैसा वार्षिक / अर्द्धवार्षिक परीक्षा में किया जाता है। इकाई परीक्षाओं के सम्पन्न होने के 03 दिन के अन्दर उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन किया जायेगा तथा अंक सूची गृह परीक्षा प्रकोष्ठ प्रभारी के पास जमा की जायेगी। गृह परीक्षा प्रकोष्ठ प्रभारी अंक सूचियों का अवलोकन प्रधानाध्यापक / प्रधानाचार्य से करायेंगे। विषय अध्यापक मूल्यांकन के पश्चात उत्तर पुस्तिकाओं को विद्यार्थियों एवं अभिभावकों से अवलोकित कराकर सम्बन्धित विषय के प्रश्न-पत्र का आदर्श हल भी करायेंगे तथा सम्बन्धित विषय अध्यापक उत्तर पुस्तिकाओं को अपने पास सुरक्षित रखेंगे।
10 इकाई परीक्षा के मूल्यांकन के आधार पर विषय अध्यापक कमजोर छात्रों की सूची तैयार करके अपनी शिक्षक दैनन्दिनी में छात्रों के नाम अंकित करेंगे तथा एक प्रति प्रधानाचार्य / प्रधानाध्यापक को देंगे। इसके पश्चात ऐसे कमजोर छात्रों का उपचारात्मक शिक्षण आगामी कार्य दिवसों में किया जायेगा।विद्यार्थियों को प्रथम इकाई परीक्षा में जो अनुक्रमांक आवंटित किया जायेगा, वार्षिक परीक्षा तक उसका अनुक्रमांक न बदला जाय।
प्रथम व द्वितीय इकाई परीक्षाओं (Unit Test) का औसत अर्द्धवार्षिक परीक्षाफल निर्माण में सम्बन्धित विषय में लिया जायेगा। इसी भाँति तृतीय व चतुर्थ इकाई परीक्षाओं (Unit Test) का औसत वार्षिक परीक्षाफल निर्माण में सम्बन्धित विषय में लिया जायेगा। उदाहरण- यदि परीक्षार्थी प्रथम इकाई परीक्षा में 10 में से 08 अंक तथा द्वितीय इकाई परीक्षा में अनुपस्थित रहता है तो परीक्षार्थी का दोनो इकाई परीक्षाओं का औसत 04 अंक होगा। 13. यदि परीक्षार्थी अस्वस्थता के कारण किसी भी इकाई परीक्षा में अनुपस्थित रहता है तो प्रधानाचार्य उसके लिए अलग से इकाई परीक्षा करा सकते हैं।
गृह कार्य (Home Work)
गृह कार्य में निम्नलिखित बिन्दुओं के अनुसार मूल्यांकन किया जायेगा
a) गृह कार्य की नियमितता
b) निर्देशानुसार किया गया मात्रात्मक गृह कार्य
c) प्रश्नों के अनुसार उत्तरों की उपयुक्तता
d) अभिनवता (यदि विद्यार्थी ने उत्तर लिखते समय पाठ्य पुस्तक के अतिरिक्त उत्तर हेतु
सामग्री एकत्र की )
प्रोजेक्ट कार्य (Project Work )
विद्यार्थी प्रत्येक विषय में विषयाध्यापक के निर्देशन में विषयगत प्रकरणों पर प्रोजेक्ट तैयार करेंगे। इसके अन्तर्गत विद्यार्थी द्वारा विषय से सम्बन्धित प्रकरण पर रिपोर्ट / मॉडल / चार्ट / संकलन / शैक्षिक यात्रा भ्रमण के दौरान एकत्रित विषयगत ज्ञान से सम्बन्धित आख्या आदि प्रकार के अभिनव प्रयोग को सम्मिलित किया जा सकता है। इन कार्यों के मूल्यांकन हेतु विषय अध्यापक को ध्यान रखना होगा कि प्रस्तुत किए गये प्रोजेक्ट में सम्बन्धित छात्र का अधिकतम योगदान है या नहीं। बाजार में उपलब्ध मॉडल हूबहू प्रस्तुत नहीं किया जायेगा। छात्रों द्वारा प्रस्तुत प्रोजेक्ट का संरक्षण विद्यालय स्तर पर किया जायेगा। प्रधानाचार्य / प्रधानाध्यापक द्वारा भी प्रोजेक्ट का अनुश्रवण कर यह सुनिश्चित किया जायेगा कि विषयाध्यापक द्वारा छात्रों को दिए गये अंक निर्देशानुसार / अंक विभाजनानुसार हैं अथवा नहीं।प्रोजेक्ट में निम्नलिखित बिन्दुओं के अनुसार मूल्यांकन किया जायेगा a) विषयवस्तु (क्या प्रोजेक्ट में प्रस्तुत सामग्री पाठ्यवस्तु से मेल खाती है
b) छात्र का परिलक्षित योगदान
c) प्रस्तुतीकरण / अभिलेखीकरण (सुन्दरता, मितव्ययिता तथा उपयोगिता)विद्यालय स्तर पर शैक्षिक गुणवत्ता एवं प्रशासनिक सुधार तथा गृह परीक्षाओं के परीक्षाफल निर्माण में निम्नलिखित बिन्दुओं का ध्यान रखा जाना हैविद्यार्थियों को प्रथम इकाई परीक्षा से वार्षिक परीक्षा तक एक ही अनुक्रमांक आवंटित करना । 2. कक्षा 9 से 12 के लिए गृह कार्य एवं प्रोजेक्ट कार्य का प्रारूप तय करना।
कक्षा 10 एवं कक्षा 12 के लिए चतुर्थ इकाई परीक्षा को प्री-बोर्ड का स्वरूप दिया जाय प्रोन्नति के नियम इकाई परीक्षा प्रोजेक्ट कार्य सहित अर्द्धवार्षिक तथा वार्षिक परीक्षाओं में सम्मिलित होने वाले परीक्षार्थी को, जिसका प्रत्येक विषय के प्राप्तांकों का योग 33 प्रतिशत या उससे अधिक होगा, उत्तीर्ण घोषित किया जायेगा।कक्षा 9 व 11 के जो परीक्षार्थी अर्द्धवार्षिक तथा वार्षिक दोनों परीक्षाओं के योग में दो विषयों में अनुत्तीर्ण हैं, उनको अधिकतम 08 अंक का कृपांक देकर प्रोन्नत घोषित किया जायेगा। कृपांक प्राप्त करने हेतु सम्बन्धित विषय में 25 प्रतिशत तथा कुल प्राप्तांकों का योग 33 प्रतिशत होना अनिवार्य है।
जिन परीक्षार्थियों ने किसी एक परीक्षा (अर्द्धवार्षिक अथवा वार्षिक ) में इकाई परीक्षा सहित सभी विषयों में न्यूनतम 33 प्रतिशत अंक प्राप्त किये हों परन्तु अस्वस्थ होने के कारण किसी एक परीक्षा (अर्द्धवार्षिक अथवा वार्षिक) में सम्मिलित न हो सका हो तो उनका परीक्षाफल इकाई परीक्षा,या नहीं) अर्द्धवार्षिक अथवा वार्षिक परीक्षा के आधार पर घोषित किया जायेगा। ऐसे परीक्षार्थी को राजकीय चिकित्सालय के चिकित्साधिकारी का चिकित्सा प्रमाण पत्र या गैर सरकारी चिकित्सक की स्थिति में चिकित्सा प्रमाण पत्र मुख्य चिकित्सा अधीक्षक / मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा प्रतिहस्ताक्षरित करवा कर प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। ऐसी स्थिति में उन्हें 04 अंक का कृपांक देय होगा।यदि परीक्षार्थी किसी एक परीक्षा (अर्द्धवार्षिक या वार्षिक में से किसी एक परीक्षा) के सभी विषयों में सम्मिलित हुआ हो किन्तु दूसरी परीक्षा (वार्षिक या अर्द्धवार्षिक) में आंशिक रूप से सम्मिलित हुआ हो तो उसका परीक्षाफल दोनों परीक्षाओं में सम्मिलित विषयों के प्राप्ताकों तथा पूर्णांकों के आधार पर घोषित किया जायेगा। इस स्थिति में अधिकतम 04 अंकों का कृपांक देय होगा विद्यार्थी को अनुपस्थित परीक्षाकाल के लिए राजकीय चिकित्सालय के चिकित्साधिकारी का चिकित्सा प्रमाण पत्र या गैर सरकारी चिकित्सक की स्थिति में चिकित्सा प्रमाण पत्र मुख्य चिकित्सा अधीक्षक / मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा प्रतिहस्ताक्षरित करवा कर प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।
अर्द्धवार्षिक तथा वार्षिक परीक्षा के अंकों को मिलाकर यदि परीक्षार्थी उत्तीर्ण नहीं होता है तो ऐसी स्थिति में परीक्षार्थी को वार्षिक परीक्षा के आधार पर कक्षोन्नति दी जायेगी। प्रतिबन्ध यह है कि परीक्षार्थी वार्षिक परीक्षा में सभी विषयों में उत्तीर्ण हो तथा उसके वार्षिक परीक्षा के प्राप्तांकों का योग न्यूनतम 40 प्रतिशत हो ।
कक्षा में स्थान प्राप्त करने का अधिकारी वही परीक्षार्थी होगा जो इकाई परीक्षा प्रोजेक्ट कार्य सहित अर्द्धवार्षिक तथा वार्षिक परीक्षाओं में सम्मिलित हुआ हो तथा जिसके प्रत्येक विषय में प्राप्तांकों का योग 33 प्रतिशत या अधिक हो ।कक्षा 9 में गणित एवं सामाजिक विज्ञान विषयों में उत्तीर्ण होने के लिए सैद्धान्तिक तथा आन्तरिक मूल्यांकन दोनों भागों में मिलाकर 33 प्रतिशत प्राप्तांक प्राप्त करना अनिवार्य है। परीक्षार्थी को नियमानुसार कृपांक तभी देय होगा जबकि उसके द्वारा कुल मिलाकर न्यूनतम 25 प्रतिशत अंक प्राप्त किये गये हों। प्रतिबन्ध यह है कि परीक्षार्थी सैद्धान्तिक तथा आन्तरिक मूल्यांकन दोनों भागों में अनिवार्य रूप से सम्मिलित हुआ हो।
कक्षा 9 में विज्ञान एवं गृह विज्ञान विषयों में सैद्धान्तिक प्रयोगात्मक तथा इकाई परीक्षा में अंकों का योग 33 प्रतिशत होने पर उत्तीर्ण घोषित किया जायेगा। परीक्षार्थी को नियमानुसार कृपांक तभी देय होगा जबकि उसके द्वारा कुल मिलाकर न्यूनतम 25 प्रतिशत अंक प्राप्त किये हों। प्रतिबन्ध यह है कि परीक्षार्थी सैद्धान्तिक तथा प्रयोगात्मक परीक्षा में अनिवार्य रूप से सम्मिलित हुआ हो।कक्षा 9 में (विज्ञान व गृह विज्ञान विषय को छोड़कर) अन्य सभी प्रायोगिक कार्य वाले विषयों मे परीक्षार्थी को उत्तीर्ण होने के लिए सैद्धान्तिक तथा प्रयोगात्मक दोनों भागों में पृथक-पृथक 33 प्रतिशत अंक प्राप्त करने होंगे तथा प्रत्येक भाग में पृथक-पृथक 25 प्रतिशत अंक प्राप्त करने पर ही परीक्षार्थी कृपांक पाने का अधिकारी होगा।
कक्षा 9 में द्वितीय भाषा एवं अतिरिक्त विषय के रूप में ली गयी भाषा में से जिस भाषा में परीक्षार्थी को अधिक अंक प्राप्त होंगे उस भाषा को द्वितीय भाषा मानकर परीक्षाफल तैयार किया जायेगा। इसी प्रकार व्यवसायिक विषय एवं सामाजिक विज्ञान में से जिस विषय में परीक्षार्थी को अधिक अंक प्राप्त होंगे उसे पाँचवा विषय मानकर परीक्षाफल तैयार किया जायेगा।कक्षा 9 में अतिरिक्त विषय के अंकों को डिवीजन प्रदान करने हेतु जोड़ा नहीं जायेगा एवं अतिरिक्त विषय में उत्तीर्ण होने हेतु कृपाक भी देय नहीं होगा। केवल अतिरिक्त विषय की भाषा का द्वितीय भाषा के रूप में स्थानान्तरण होने की स्थिति में इस अतिरिक्त विषय की भाषा में,, जिसने अब द्वितीय भाषा का स्थान ग्रहण कर लिया है, नियमानुसार कृपांक देय होगा। इस प्रकार परीक्षाफल पाँच (05) मुख्य विषयों के आधार पर घोषित किया जायेगा ।कक्षा 11 में सभी प्रायोगिक कार्य वाले विषयों में परीक्षार्थी को उत्तीर्ण होने के लिए सैद्धान्तिक तथा प्रयोगात्मक दोनों भागों में पृथक-पृथक 33 प्रतिशत अंक प्राप्त करने होंगे तथा प्रत्येक भाग में पृथक-पृथक 25 प्रतिशत अंक प्राप्त करने पर ही परीक्षार्थी कृपांक पाने का अधिकारी होगा।
परीक्षा तिथियों में विभाग के माध्यम से राष्ट्रीय कार्यक्रम /प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने वाले परीक्षार्थी का परीक्षाफल सम्पूर्ण रूप से सम्मिलित परीक्षाओं (इकाई परीक्षा, अर्द्धवार्षिक या वार्षिक) के आधार पर घोषित किया जायेगा।
इस सन्दर्भ में सम्मावित स्थितियां निम्नवत् हैं
(अ) अर्द्धवार्षिक परीक्षा में सम्मिलित न होने पर परीक्षाफल द्वितीय सत्र के यूनिट टेस्ट सहित वार्षिक परीक्षा के आधार पर घोषित किया जायेगा।
(ब) वार्षिक परीक्षा में सम्मिलित न होने पर परीक्षाफल प्रथम सत्र के यूनिट टेस्ट सहित अर्द्धवार्षिक परीक्षा के आधार पर घोषित किया जायेगा।
(स) अर्द्धवार्षिक परीक्षा में अनुत्तीर्ण होने पर तथा विभाग के माध्यम से राष्ट्रीय कार्यक्रम / प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने के कारण यदि परीक्षार्थी वार्षिक परीक्षा में आंशिक या पूर्ण रूप से सम्मिलित न हो सका हो तो ऐसी स्थिति में उन विषयों की परीक्षा सम्बन्धित विद्यालय द्वारा पृथक रूप से ली जायेगी जिनमें कि परीक्षार्थी सम्मिलित न हो सका हो।कक्षा 09 में विद्यार्थियों को उपस्थिति के लिए अधिकतम 02 अकों का बोनस दिया जायेगा।उपस्थिति 80 प्रतिशत से अधिक तथा 85 प्रतिशत तक होने पर 01 अंक का तथा 85 प्रतिशत अधिक होने पर 02 अंक का बोनस दिया जायेगा। बोनस अंक परीक्षार्थी के उस विषय में जोड़े जायेंगे, जिस विषय में उसने न्यूनतम अंक प्राप्त किये हों। किन्तु इस प्रकार के अंक प्रदान करने में यह बात ध्यान में रखी जायेगी कि अंक पूर्णाक से अधिक न होने पाये। 15. कक्षा 11 में प्रत्येक विषय में अधिकतम 02 अंक उपस्थिति के लिए निर्धारित किये गये हैं।
उपस्थिति 80 प्रतिशत से अधिक तथा 85 प्रतिशत तक होने पर 01 अंक का तथा 35 प्रतिशत से व्यक्तिगत परीक्षार्थी के प्रोन्नति के नियमव्यक्तिगत परीक्षार्थियों को वार्षिक परीक्षा के आधार पर प्रत्येक विषय में 33 प्रतिशत अंक प्राप्त करने पर प्रोन्नति दी जायेगी।उन विषयों में जिसमें प्रयोगात्मक / प्रोजेक्ट कार्य है, प्रयोगात्मक / प्रोजेक्ट कार्य की परीक्षा अपनेव्यक्तिगत परीक्षार्थियों के लिए उपरोक्तानुसार अधिकतम 08 अंक का कृपांक अधिकतम 02 विषयों में दिया जायेगा।पंजीकरण केन्द्र में देनी होगी।
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