ड्रोन नीति लागू करने वाला देश का दूसरा राज्य बना उत्तराखंड, आ सकते हैं कई क्रांतिकारी बदलाव

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उत्तराखंड ड्रोन नीति लागू करने वाला देश का दूसरा राज्य बन गया है। इस से पहले पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश ने साल 2022 में ड्रोन नीति लागू की थी। उत्तराखंड में ड्रोन नीति लागू होने से कई क्रांतिकारी बदलाव आ सकते हैैं।

ड्रोन नीति लागू करने वाला देश का दूसरा राज्य बना उत्तराखंड
कैबिनेट ने प्रदेश में ड्रोन पॉलिसी को मंजूरी दे दी है। उत्तराखंड अपनी पहली ड्रोन नीति से निवेश और रोजगार की नई ऊंचाई छुएगा। ड्रोन पॉलिसी लागू करने वाला उत्तराखंड देश का दूसरा राज्य बन गया है।

प्रदेश में ड्रोन नीति बनाकर धामी सरकार ने राज्य में जहां एक हजार करोड़ निवेश का लक्ष्य रखा है। इसके साथ ही सरकार ने इस से पांच हजार रोजगार और पांच हजार ड्रोन पायलट के स्वरोजगार की भी उम्मीद जताई है।

आ सकते हैं कई क्रांतिकारी बदलाव
ड्रोन नीति से उत्तराखंड में कई क्रांतिकारी बदलाव आ सकते हैं। इस नीति से प्रदेश में निवेश ज्यादा होने की संभावना है। स्वास्थ्य, कृषि, खनन, बुनियादी ढांचे, परिसर निगरानी, आपातकालीन प्रतिक्रिया और आपदा के दौरान रेस्क्यू में ड्रोन से काफी मदद मिल सकती है।

पहाड़ी इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाएं हो सकती हैं उपलब्ध
ड्रोन नीति से जहां एक ओर प्रदेश में लोगों को रोजगार मिलने की बात कही जा रही है। तो वहीं दूसरी ओर इस से पहाड़ों पर स्वास्थ्य सुविधाओं को सुधारा जा सकता है।

ड्रोन के जरिए पहाड़ों से जल्दी दवाइयां, इंजेक्शन, सैंपल लाए और पहुंचाए जा सकते हैं। जो कि पहाड़ के लिए वरदान साबित हो सकता है। इसका प्रदेश में सफल परीक्षण किया जा चुका है।

पलायन को रोकने में अहम साबित हो सकती है ड्रोन नीति
प्रदेश में ड्रोन नीति पलायन को रोकने में अहम साबित हो सकती है। अगर पहाड़ों पर स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ ही रोजगार और कनेक्टिविटी उपलब्ध हो जाए तो पहाड़ खाली होने से बच सकते हैं।

ड्रोन नीति से पहाड़ों पर स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाया जा सकता है। इसके साथ ही युवाओं को रोजगार भी दिया जा सकता है। जिस से पहाड़ों से पलायन होने से रूक सकता है।

जल्द स्टेट ड्रोन समिति का किया जाएगा गठन

जल्द ही प्रदेश में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में स्टेट ड्रोन समिति का गठन किय जाएगा। इस समिति में सचिव आईटी, सचिव वित्त, सचिव नियोजन, सचिव गृह, यूकाडा के सीईओ, आईटीडीए निदेशक, ड्रोन इंप्लीमेंटेशन के राज्य ऑफिसर बतौर सदस्य शामिल होंगे। इसके साथ ही समिति में अन्य जरूरी विभागों के सचिव व मुख्य सचिव की ओर से नामित अधिकारी विशेष आमंत्रित सदस्य होंगे।

इन क्षेत्रों में ड्रोन कर सकता है काम
प्रदेश में ड्रोन नीति लागू होने के बाद ड्रोन बुनियादी ढांचे, परिसर निगरानी, आपातकालीन प्रतिक्रिया, कृषि, खनन, भू-स्थानिक मानचित्रण, यातायात प्रबंधन, कानून के प्रवर्तन जैसे अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्रों में भी काम कर सकता है। इसके साथ ही प्रदेश में ड्रोन निर्माण, अनुसंधान, विकास, प्रशिक्षण, मरम्मत और रखरखाव को प्रोत्साहन मिलेगा।