@Dr. Yogamber Singh Bartwal-नहीं रहे माटी के लाल वरिष्ठ साहित्यकार डॉ योगम्बर सिंह बर्त्वाल, प्रदेश में शोक की लहर
उत्तराखंड की माटी के लाल कहे जाने वाले वरिष्ठ इतिहासकार साहित्यकार डॉ योगम्बर सिंह बर्त्वाल का सोमवार तड़के 3.30 बजे निधन हो गया। डॉ योगम्बर सिंह के निधन के बाद से प्रदेशभर में शोक की लहर है।
नहीं रहे वरिष्ठ साहित्यकार
वरिष्ठ इतिहासकार साहित्यकार डॉ योगम्बर सिंह बर्त्वाल (75)ने अपनी आखिरी सांस देहरादून के कैलाश अस्पताल में ली। बता दें वह पिछले कई दिनों से अस्पताल में भर्ती थी। बताया जा रहा है डेंगू की चपेट में आने से उनका निधन हुआ है। डॉ योगम्बर सिंह बर्त्वाल के निधन के बाद से प्रदेश में शोक की लहर है।
डॉ योगम्बर सिंह बर्त्वाल की उपलब्धि
डॉ योगम्बर सिंह बर्त्वाल को चलता फिरता पुस्तकालय कहें तो गलत नहीं होगा। उन्होंने दो हजार गांवों का भ्रमण कर उन गांवों की भौगोलिक, ऐतिहासिक जानकारी स्वयं में समेटे हुए थे।
डॉ योगम्बर ने 400 से अधिक लोगों से नेत्रदान का संकल्प पत्र भरवाने वाले समाजसेवी, सरकारी सेवा के साथ-साथ पत्रकारिता और साहित्य में भी अपनी विशिष्ट पहचान बनायीं थी। डॉ बर्त्वाल लगभग दो दर्जन पुस्तकों के लेखक भी हैं।
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