दलित युवक के मंदिर प्रवेश पर पिटाई पर डॉ पाल चिंतित,कहा देवभूमि के लिए शर्मनाक

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हल्द्वानी एसकेटी डॉट कॉम

उत्तरकाशी के मोरी तहसील के बनौल गांव में मंदिर में प्रवेश करने पर अनुसूचित जाति के युवक की पिटाई करने के मामले पर अब तूल पकड़ता जा रहा है.
जहां एससी एसटी आयोग ने एसएसपी और डीएम इस संबंध में नोटिस भेजा है वहीं राष्ट्रीय सामाजिक न्याय कृति मंच के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर अजय पाल सिंह ने इस मामले में कड़ा विरोध जता fते हुए आरोपियों के खिलाफ एससी एसटी एक्ट में कार्यवाही करने के साथ ही भविष्य में इसके लिए और सख्त कानून बनाए जाने की मांग की है.

डॉक्टर अजय पाल ने प्रेस को दिए वक्तव्य में कहा कि आजादी के 75 साल बाद भी ऐसी घटनाएं होना सरकारों की एससी एसटी से संबंधित लोगों के प्रति अदूरदर्शिता दर्शाता है.

डॉक्टर अजय पाल ने कहा कि प्रदेश में ऐसी घटनाएं होना निश्चित रूप से निंदनीय है. कहा कि देवभूमि में जहां पूरे देशभर से श्रद्धालु विभिन्न मंदिरों में आकर दर्शन करते हैं तो उनसे कोई नाम अथवा जाति नहीं पूछी जाती है लेकर नहीं का निवासी होने के बावजूद अनुसूचित जाति के लोगों के साथ ऐसा भेदभाव और क्रूरता पूर्वक व्यवहार किया जाता है वह देवभूमि लिए शर्मनाक है.

डॉक्टर पाल ने कहा कि भारत के संविधान में अस्पृश्यता वह पूर्ण रूप से समाप्त कर दिया है लेकिन इसके बावजूद ऐसी समाज के लोगों के साथ इस तरह का क्रूरता पूर्वक व्यवहार करना मानव धर्म के लिए निश्चित रूप से शर्मसार करने वाला है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सामाजिक न्याय कृत मंच ऐसे मामलों को लेकर पूर्व में भी मुख्यमंत्री राज्यपाल कई संवैधानिक पदों पर बैठे ज्ञापन सौंप चुका है. इस संबंध में 25 नवंबर को
नेशनल एक्शन फोरम फॉर सोशल जस्टिस के बैनर तले विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने देहरादून में मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा था. जिसमें सामाजिक न्याय कृति मंच के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर अजय पाल सिंह ने बड़ी भूमिका निभाई थी.

गौरतलब है कि विगत बुधवार को उत्तरकाशी के मोरी तहसील के बंनौल के 22वर्षीय युवक आयुष की मंदिर में प्रवेश करने पर गांव के ही 5 लोगों ने जलती लकड़ियों से उसकी पिटाई की थी. इसके बाद यह मामला उछला और पुलिस ने कार्रवाई करते हुए जयवीरसिंह,आशीष, ईश्वर सिंह, चैन सिंह और भगवान सिंह को गिरफ्तार कर लिया था.