सीएचसी थलीसैंण का DM ने किया औचक निरीक्षण, सभी कर्मचारी गायब, गेट तक नहीं खुला

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सीएचसी थलीसैंण

प्रदेश में पहाड़ों पर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की पोल खोलती तस्वीरें अक्सर सामने आती रहती हैं। ऐसी ही खबर फिर से सामने आई है। पौड़ी जिले में डीएम अचानक थलीसैंण स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का औचक निरीक्षण करने पहुंच गए। लेकिन सीएचसी थलीसैंण से सभी कर्मचारी गायब मिले। डीएम के निरीक्षण के दौरान स्वास्थ्य केंद्र का मुख्य द्वार तक बंद मिला।

सीएचसी थलीसैंण का DM ने किया औचक निरीक्षण

प्रदेश में खासतौर पर पहाड़ों पर लगातार स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को दुरूस्त करने पर के दावे किए जाते हैं। लेकिन कुछ ऐसी तस्वीरें पहाड़ों से सामने आती हैं जो सारे दावों की पोल खोल देती हैं। ऐसी ही खबर पौड़ी से सामने आई है। बुधवार रात डीएम अचानक सीएचसी थलीसैंण पहुंचे। यहां औचक निरीक्षण के दौरान सभी कर्मचारी नदारद मिले। यहां तक कि निरीक्षण के दौरान सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का मुख्य द्वार बन्द पाया गया और अस्पताल में कोई भी कर्मचारी, चौकीदार नहीं था। जिलाधिकारी द्वारा अस्पताल का गेट खुद खोला गया।

सभी वार्ड व चिकित्साधिकारी के कक्ष थे बन्द

जिलाधिकारी ने अस्पताल के निरीक्षण के दौरान वहां सभी वार्ड व चिकित्साधिकारी के कक्ष बन्द पाए गए। वार्ड में उपयोग किए गए सीरींज आदि वेस्ट सामग्री डस्टबिन में बेतरतीब ढंग से फेंकी हुई थी। इसके साथ ही अस्पताल कार्मिकों द्वारा अस्पताल में सभी लेखन सामग्री, रजिस्टर आदि कीमती सामान बाहर ही छोड़ा गया था। एंबुलेंस 108 वाहन अस्पताल गेट के पास खड़ा था जिसमें कोई भी कर्मचारी या वाहन चालक उपस्थित नहीं था।

जिलाधिकारी ने दिए कड़ी कार्रवाई के निर्देश

जिलाधिकारी ने कहा कि रात्रिकाल में किसी गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति का इलाज करने  किसी भी चिकित्साकर्मी का उपस्थित न होना बहुत ही बड़ी लापरवाही है। जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि रात में जिन चिकित्सकों व कर्मियों की ड्यूटी में लापरवाही बरती गई है उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। जिसाधिकारी ने कहा कि इस तरह कि लापरवाही बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

कर्मचारी करते हैं अपनी मनमानी

स्थानीय निवासी सतेंद्र रावत ने बताया कि स्वास्थ्य केंद्र में प्रभारी चिकित्सक को डीडीओ पावर न होने से अस्पताल में कार्यरत कर्मचारी अपनी मनमानी करते हैं। आपको बता दें कि थैलीसैंण विधानसभा वो विधानसभा है जिसके विधायक खुद प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री है। जब स्वास्थ्य मंत्री के क्षेत्र में ऐसे हाल हैं तो प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था के हाल कैसे होंगे ?