उत्तराखंड आपदा विभाग में ही आपदा जैसे हालत, एक के बाद एक कई अधिकारी व कर्मचारियों ने दिया इस्तीफा

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उत्तराखंड आपदा विभाग में आपदा जैसे हालत नजर आ रहे हैं। उत्तराखंड में जहां मानसून सीजन आपदा के लिए चुनौतीपूर्ण समय रहता है, वहीं आपदा विभाग में कई अधिकारियों के इस्तीफों ने विभाग के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है। उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण में अब तक पांच वर्षों में लगभग 38 कर्मचारी सेवा से त्यागपत्र दे चुके हैं। 10 वर्ष से कार्यरत GIS Lab के सात अनुभवी कार्मिकों को सेवा से बाहर रखा गया है। इसके अलावा तीन डेपुटेशन पर आए कर्मचारियों के द्वारा भी सेवा छोड़ने के लिए आवेदन किया गया है।

उत्तराखंड आपदा विभाग में दो कर्मचारी, 16 वर्ष के अनुभवी पीयूष रौतेला और राहुल जुगरान हाल में ही रिजाइन दे चुके हैं। पिछले आठ माह में डेपुटेशन में आए चार कर्मचारी अपनी आधी सेवा में ही यूएसडीएमए छोड़ चुके हैं। आपदा प्रबंधन विभाग में 10 साल का कार्य अनुभव रखने वाले सात GIS Lab के कार्मिकों को सेवा से बाहर रखा गया है। उच्च न्यायालय ने उनके पदों को भरने पर रोक लगा रखी है।

डेपुटेशन में आए एक कार्मिक की यूएसडीएमए द्वारा रेड एंट्री कर दिए जाने के बाद उसने भी सेवा से रिजाइन दे दिया है और अब यूएसडीएमए के खिलाफ उच्च न्यायालय में मुकदमा दर्ज किया है। GIS एक्सपर्ट पद पर नियुक्त एक कार्मिक 1 साल में ही सेवा छोड़कर चला गया है।

5 साल में 29 मास्टर ट्रेनर में से 12 ने छोड़ी सेवा
बता दें कि पिछले 5 सालों में 29 मास्टर ट्रेनर में से 12 लोग सेवा छोड़ चुके हैं। जुलाई 2019 में यूएसडीएमए में नियुक्त हुए 12 कर्मचारी सेवा छोड़ चुके हैं।चार आपदा प्रबंधन अधिकारी अपनी सेवा से त्यागपत्र दे चुके हैं। आपदा प्रबंधन विभाग के 112 सेवा में नियुक्त दो कर्मचारी सेवा छोड़ चुके हैं। इसके साथ ही डेपुटेशन में आए तीन कर्मचारी आधी सेवा में ही सेवा छोड़ने के लिए आवेदन कर चुके हैं। जबकि कर्मचारियों की नियुक्ति और उनकी सेवा से संबंधित लगभग 12 मुकदमे यूएसडीएमए पर माननीय उच्च न्यायालय में वर्तमान में चल रहे हैं।

कुछ अधिकारियों पर लगे हैं भ्रष्टाचार के आरोप

आपदा विभाग की पहचान उत्तराखंड में एक भ्रष्ट विभाग के रूप में हो गई है। हाल में ही जिन अधिकारियों के द्वारा अपने रिजाइन दिए गए है उनमें से कुछ के ऊपर भ्रष्टाचार करने के आरोप लगे हैं और जब विभाग के द्वारा उनको उनका पक्ष रखने के लिए बुलाया गया तो उन्होंने अपना पक्ष रखने की बजाय रिजाइन देना बेहतर समझा। आपदा सचिव की अभी तक जिम्मेदारी संभाल रहे रणजीत सिन्हा कहना है कि भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर जो झांसी चल रही है उसे पर वित्त विभाग रिकवरी को लेकर फैसला देगा।

विभाग में हो उच्च स्तरीय जांच की मांग
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आपदा विभाग में इस्तीफा को लेकर कहना है कि उनको अभी इसकी जानकारी नहीं है लेकिन इसका संज्ञान वह लेंगे। भाजपा नेता रविंद्र जुगरण का कहना है कि आपदा विभाग में भ्रष्टाचार का कई सौ करोड़ का घोटाला हुआ है। उन्होंने इसकी शिकायत कई स्तर पर की है। अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के समक्ष व सभी तथ्यों को रखने जा रहे हैं और उच्च स्तरीय जांच की मांग विभाग में कर रहे हैं ताकि जिन लोगों ने भ्रष्टाचार किया है उन पर कार्रवाई हो सके।