Digital Arrest: आपकी बेटी सेक्स रैकेट में पकड़ी गई…डिजिटल अरेस्ट का शिकार हुई शिक्षिका की मौत

Ad
Ad
ख़बर शेयर करें
a teacher in agra dies of heart attack due to digital arrest

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के आगरा(Agra) से एक डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) की घटना सामने आ रही है। जिससे एक शिक्षिका की मौत हो गई। एक महिला टीचर को वॉट्सऐप पर कॉल आया। जिसमें बताया गया कि टीचर की बेटी सेक्स रैकेट में फंस गई है। कॉलर ने बेटी को रिहा करने के लिए एक लाख रुपये की मांग की। ये सुनकर महिला टीजर की तबीयत काफी खराब हो गई। जिसके चलते उसकी हार्ट अटैक से मौत हो गई।

फेक कॉल कर की पैसों की डिमांड

उत्तर प्रदेश के आगरा में डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) में मौत का ये पहला केस है। दरअसल राजकीय कन्या जूनियर हाईस्कूल अछनेरा की शिक्षिका मालती वर्मा 30सितंबर को स्कूल में ही थीं। इसी दौरान उन्हें वॉट्सऐप कॉल आती है। नंबर में पुलिस वर्दी में एक व्यक्ति की तस्वीर भी लगी हुई थी। कॉलर टीजर से कहता है कि उसकी बेटी सेक्स रैकेट में पकड़ी गई है। अभी केस फाइल नहीं हुआ है। अगर बेटी को रिहा करवाना चाहते है तो एक लाख रूपए भेजने होंगे।

Digital Arrest का शिकार हुई शिक्षिका

कॉलर ने नंबर भेजा और लाख रूपए ट्रांसफर करने की मांग की। शिक्षिका को कॉलर ने कहा कि अगर 15 दिनों के अंदर एक लाख रुपए नहीं भेजे गए तो उसकी बेटी के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। ये सुनकर टीजर काफी घबरा गई। कॉलर ने महिला को कम से कम आधे घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रखा।

बेटे ने मां को समझाया

टीचर ने अपने बेटे दीपांशु को कॉल किया। साथ ही उससे कॉलर के द्वारा भेजे गए नंबर पर एक लाख रुपए डालने के लिए कहा। नंबर देखने पर दीपांशु को शक हुआ और वो समझ गया कि ये फेक कॉल है। बेटे ने मां को समझाने का काफी प्रयास किया। लेकिन शिक्षिका काफी घबरा गई। घर आते ही उन्हें दिल का दौरा पड़ा।

घर पहुंचते ही बिगड़ी तबीयत

बता दें कि टीचर की दो बेटियां हैं। बेटे ने बहनों से पूछा तो एक मार्केट थी तो दूसरी स्कूल। दोनों बहनों की बेटे ने मां की कॉल पर बात भी कराई। लेकिन टीचर सदमें में थी। जैसे ही वो दोपहर के समय घर पहुंची उनकी तबीयत बिगड़ने लग गई। जिसके बाद परिवार वाले उन्हें अस्पताल लेकर गए। जहां हार्ट अटेक से उनकी मौत हो गई।

क्या है डिजिटल अरेस्ट? (What is Digital Arrest)

आजकल डिजिटल अरेस्ट के कई मामले सामने आ रहे हैं। इसमें फेक कॉलर पुलिस, ईडी आदि अन्य सरकारी के अधिकारी बनकर बात करते है। कॉल पर व्यक्ति को धमकाया जाता है कि उसके परिवार का कोई सदस्या किसी रैकेट में फंस गया है। छुडवाने के लिए पैसो की डिमांड की जाती है। साथ ही कहा जाता है कि किसी और को सुचित ना करें। कई केसिस में कॉलर वीडियो कॉल भी करता है। जिसमें उसे कॉल कट ना करने की बात कही जाती है। इससे डरकर लोग पैसे ट्रासंफर कर देते है।