केदारनाथ में गर्भगृह को स्वर्णमंडित करने पर विवाद, BKTC ने कही ये बात

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बीकेटीसी ने केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह को स्वर्णजड़ित करने पर सोशल मीडिया में फैलाये जा रहे भ्रम को षड्यंत्र का हिस्सा बताया है। उन्होंने कहा है कि दानी दाता द्वारा केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह को स्वर्णजड़ित करने की इच्छा प्रकट की गई थी। दानीदाता की भावनाओं का सम्मान करते हुए मंदिर समिति की बोर्ड बैठक में प्रस्ताव का परीक्षण कर स्वर्णमंडित करने की अनुमति दी गयी।


केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह को स्वर्ण मंडित करने पर अब विवाद शुरू हो गया है। जिसको लेकर बद्रीनाथ -केदारनाथ मंदिर समिति ने सफाई दी है। बीकेटीसी ने स्पष्ट किया है कि बद्रीनाथ -केदारनाथ मंदिर समिति अधिनियम-1939 में निर्धारित प्रावधानों के अनुरूप ही दानी दाता से दान स्वीकारा गया है।

केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह को स्वर्ण मंडित करने के लिए प्रदेश शासन से अनुमति ली गई। भारतीय पुरात्व सर्वेक्षण विभाग के विशेषज्ञों की देख देख में स्वर्ण मंडित करने का कार्य किया गया।

गर्भगृह को स्वर्ण मंडित करने का कार्य स्वयं दानी दाता ने किया
बीकेटीसी ने यह भी स्पष्ट किया है कि गर्भ गृह को स्वर्ण मंडित करने का कार्य स्वयं दानी दाता ने अपने स्तर से किया है। दानी दाता द्वारा अपने स्तर से ज्वैलर्स से तांबे की प्लेटें तैयार करवाई गई और फिर उन पर सोने की परतें चढ़ाई गईं। दानी दाता ने अपने ज्वैलर्स के माध्यम से ही इन प्लेटों को मंदिर में स्थापित कराया।

सोना खरीदने से लेकर दीवारों पर जड़ने तक का सम्पूर्ण कार्य दानी द्वारा कराया गया। मन्दिर समिति की इसमें कोई प्रत्यक्ष भूमिका नहीं थी। अर्थात सारा कार्य दानीदाता द्वारा किया गया।

दानी दाता द्वारा काम पूरा होने के बाद बीकेटीसी को दिए गए बिल
दानी दाता द्वारा अपने स्वर्णकार के माध्यम से गर्भ गृह में लगाई गई स्वर्ण व तांबे की प्लेटों के आधिकारिक बिल व बाउचर बीकेटीसी को कार्य पूर्ण होने के पश्चात दे दिए गए थे। बीकेटीसी द्वारा नियमानुसार इसे स्टॉक बुक में दर्ज किया गया है।

दानस्वरूप किए गए इस कार्य हेतु दानी व्यक्ति या किसी फर्म द्वारा बीकेटीसी के समक्ष किसी प्रकार की शर्त नहीं रखी गई और नहीं दानी दाता ने बीकेटीसी से आयकर अधिनियम की धारा – 80 जी का प्रमाण पत्र मांगा।

इसी दानीदाता ने बद्रीनाथ मन्दिर गर्भगृह को भी किया था स्वर्ण जड़ित
बीकेटीसी ने बताया कि इसी दानी दाता द्वारा वर्ष 2005 में बद्रीनाथ मन्दिर गर्भगृह को भी स्वर्ण जड़ित किया गया था। मगर वर्तमान समय में एक सुनियोजित षडयंत्र के तहत विद्वेषपूर्ण आरोप लगाये जा रहे हैं।

धाम की छवि को धूमिल करने के लिए फैलाया जा रहा भ्रम
उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की प्रेरणा से और प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी के मार्गदर्शन में सुव्यवस्थित यात्रा संचालन के कारण यात्री संख्या में भारी वृद्धि हुई है।

खास कर केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं की संख्या में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है। ये बात क्षुद्र राजनीतिक तत्वों को रास नहीं आ रही है। ऐसे तत्व यात्रा को प्रभावित करने और केदारनाथ धाम की छवि को धूमिल करने के लिए भ्रम फैला रहे हैं।