कांग्रेस पंचायत आरक्षण प्रकिया का यह कह कर किया विरोध


जिलाध्यक्ष राहुल छिमवाल समेत पूर्व जनप्रतिनिधियों भोला भट्ट एवम सतीश नैनवाल ने पंचायत राज एक्ट का दुरूपयोग बताया
हलद्वानी skt.com
उत्तराखंड पंचायत चुनाव में सरकार द्वारा जिस तरह से आरक्षण प्रक्रिया को अपनाया है कांग्रेस इसका भारी विरोध करती है जिस तरह से आरक्षण की प्रक्रिया को अपनाया है उसे संविधान एवं पंचायत राज एक्ट घोर अपमान हो रहा है।
जिला अध्यक्ष राहुल छिमवाल ने कहा की संविधान की मूल अवधारणा के अनुसार पंचायत में रोस्टर के अनुसार प्रत्येक वर्ग को प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिलना चाहिए जबकि सरकार ने उच्चतम न्यायालय में ओबीसी को आरक्षण देने के निर्देश के क्रम में इसे उलट पलट कर दिया है।
जबकि ओबीसी वर्ग को प्रथम चरण में आरक्षण देने के बाद अन्य वर्गों को 2019 पंचायत चुनाव के बाद द्वितीय चरण में रोशन के आधार पर आरक्षण देना चाहिए था लेकिन सरकार ने पूरी आरक्षण प्रक्रिया को शून्य कर दिया है जिससे लगातार सामान्य रही सीट इस बार भी सामान्य है जबकि लगातार आरक्षित रहने वाली सीट भी इस बार भी आरक्षित है इस प्रक्रिया से राजनीति में समाज सेवा के लिए उतरे युवाओं में मायुसी है।
रोटेशन के अनुसार प्रत्येक वर्ग के महिला, पुरुष ,एससी एसटी,ओबीसी को मिलना चाहिए। पूर्व जिला पंचायत सदस्य एवं ब्लाक प्रमुख सतीश नैनवाल तथा हल्द्वानी के ब्लॉक प्रमुख रहे भोला भट्ट ने सरकार की मंशा को युवा विरोधी बताया गई युवा जो समाज सेवा के लिए राजनीति में उतरना चाह रहे हैं उन्हें गलत तरीके से अपनाई गई प्रक्रिया से समाज सेवा के लिए राजनीति से आने वाली युवाओं को धक्का लगा है । पत्रकार वार्ता में कोषाध्यक्ष नरेश अग्रवाल ,प्रदेश सचिव प्रकाश पांडे समेत कई लोग मौजूद थे
वहीं पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष नैनीताल दिग्विजय सिंह बिष्ट ने भी धारी ब्लॉक में आरक्षण के लिए अपनाई गई प्रक्रिया को गलत ठहराया है उनका कहना है कि ग्राम सभा से लेकर बीडीसी तथा जिला पंचायत की सीट कई वर्षों से एक ही तरह के आरक्षण में चल रही है जिससे अन्य वर्गों में आयुषी है सरकार को इस तरह की आरक्षण प्रक्रिया को रद्द कर करना चाहिए।

दिग्विजय सिंह ने”Dpro ऑफिस जाकर “धारी ब्लॉक के ब्लॉक प्रमुख” की सीट पर आपत्ति दर्ज की , और कहाँ कि आरक्षण चक्र न्याय संगत हो , जिससे हर क्षेत्र में हर वर्ग को न्याय संगत आरक्षण प्रक्रिया का लाभ मिले , ना की एक ही क्षेत्र में बार बार आरक्षण थोप कर , उस क्षेत्र के साथ ही अन्य क्षेत्र के लोगों को भी आरक्षण प्रक्रिया लाभ नही मिल पायेगा । उन्होंने कहाँ की उनकी आपत्ति पर संतोष जनक सुनवाई नही हुई तो वो कोर्ट की शरण में जाने को बाध्य होंगे ।।

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