अपने ही हाईकमान को चुनौती देते कांग्रेस विधायक गोपनीय बैठक के बाद होगा निर्णय
देहरादून एसकेटी डॉट कॉम
नेता प्रतिपक्ष प्रदेश अध्यक्ष और उप नेता के चुनाव में प्रीतम सिंह को दरकिनार करने के फैसले से गुस्साए कांग्रेस के आधा दर्जन से अधिक विधायक हाईकमान को चुनौती देते हुए नजर आ रहे हैं। सूत्र बताते हैंकि यह लोग वो अपनी बैठक कर सकते हैं उसके बाद यह निर्णय लेंगे की कांग्रेस से बगावत करने के बाद अलग अलग गुट बनाकर रहेंगे अथवा सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल हो जाएंगे।
हालाकि इन विधायकों में प्रीतम सिंह का कहीं भी नाम नहीं है लेकिन यह माना जा रहा है कि प्रीतम गुट को तवज्जो नहीं दिए जाने की वजह से इनमें नाराजगी है इसके अलावा कई ऐसे विधायक भी हैं जो किसी भी तरह से नेता प्रतिपक्ष के तौर पर अपना दबाव बनाए हुए थे लेकिन जब आलाकमान का फैसला आया तो इनमें से कई का गुस्सा फूट पड़ा इनमें से मुख्य रूप से द्वाराहाट के विधायक मदन सिंह बिष्ट का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है मदन सिंह बिष्ट ने आलाकमान पर हमला बोलते हुए कहा कि जिस तरह से निर्णय लिए जा रहे हैं उससे यह नहीं लगता है कि कांग्रेस कभी उबर पाएगी उनके समर्थन में द्वाराहाट क्षेत्र के 6 कांग्रेसियों ने पार्टी से इस्तीफा दिया जिनमें पूर्व जिला पंचायत सदस्य एवं प्रदेश सचिव जगत किरौला के अलावा दीपक बिष्ट समेत कई युवा कांग्रेसी भी शामिल है। वही प्रीतम सिंह ने भी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा की उन पर गुटबाजी का जो आरोप लगाया है उसकी हाईकमान को जांच करानी चाहिए और अगर यह सही पाया जाता है तो निश्चित रूप से वह विधायकी से इस्तीफा दे देंगे। वही रामनगर में पूर्व में कार्यकारी अध्यक्ष हो रहे रणजीत सिंह रावत के समर्थकों ने आलाकमान के इस निर्णय पर नाराजगी व्यक्त की है पूर्व ब्लाक प्रमुख रही बसंती आर्य ने कहा कि जिस तरह से दबाव में कांग्रेस पार्टी ने निर्णय दिए हैं उससे कांग्रेस के लोगों में खासी नाराजगी है। जिन विधायकों का नाम गोपनीय बैठक में मौजूद रहने के बारे में बताया जा रहा है उनमे मुख्य रूप से हरीश धामी, मनोज तिवारी, मदन बिष्ट, विक्रम नेगी ,ममता राकेश, खुशाल सिंह अधिकारी मयूख महर तथा राजेंद्र भंडारी के नाम लिए जा रहे हैं इनमें से कुछ विधायकों से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन किसी ने फोन रिसीव नहीं किया।
सबसे पहले ख़बरें पाने के लिए -
👉 सच की तोप व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें