कावंड़ियों को आतंकी कहने वालों को सीएम का आखिरी अल्टीमेटम… अब सनातन की आस्था से खेलने वालों को कुचलेगा कानून

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‘गजवा-ए-हिंद’ के नारों पर चुप और कांवड़ पर बवाल करने वालों को CM की दो टूक: अब हिंदू आस्था के अपमान पर खामोशी नहीं, कार्रवाई होगी

“जो आस्था से टकराएगा, वो कुचला जाएगा!” ये सिर्फ एक बयान नहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की खुली चेतावनी है उन फर्जी सेक्युलरों और कट्टरपंथियों के लिए, जो शिवभक्तों को आतंकवादी कहने का दुस्साहस कर रहे हैं। कांवड़ यात्रा के दौरान शिवभक्तों पर सवाल उठाने वालों को अब जवाब मिल चुका है- सनातन के इस शेर ने साफ कर दिया है कि हिंदू आस्था के साथ खिलवाड़ अब नहीं चलेगा।

वाराणसी से दिए गए अपने ओजस्वी भाषण में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने न सिर्फ शिवभक्तों का मान बढ़ाया, बल्कि आस्था के नाम पर हिंसा फैलाने वालों को चेतावनी भी दी। उन्होंने साफ कहा- “लातों के भूत बातों से नहीं मानते, और अब ऐसे जिहादियों का इलाज लाठी, नीति और सत्ता की शक्ति से होगा।”

सेक्युलर नकाब फाड़ने वाला भाषण

CM योगी आदित्यनाथ ने देश के तथाकथित सेक्युलर गैंग पर तीखा हमला बोला और पूछा- “कांवड़ यात्रा के दौरान शिवभक्तों के शुद्ध भोजन पर तो बवाल मचता है, लेकिन मुहर्रम में तलवारें लहराने और ‘गजवा-ए-हिंद’ के नारों पर क्यों चुप्पी साध ली जाती है?”

क्या ये सेक्युलरिज्म है? क्या संविधान का नाम जपने वाले तब गूंगे हो जाते हैं जब ताजियों में पाकिस्तान परस्त और फिलीस्तीन समर्थक नारे लगते हैं? क्या हिंदू राष्ट्र का झंडा जलाना, संविधान का अपमान नहीं? ये सवाल सिर्फ जनता से नहीं, देश के विपक्ष से भी हैं।

नकली अकाउंट से जातीय जहर फैलाने वालों को मिलेगी जेल

UP CM ने उन आईटी सेल चलाने वाले गद्दारों को भी आड़े हाथों लिया जो नकली अकाउंट से हिंदू समाज को जातियों में बांटने का काम कर रहे हैं। योगी ने एलान किया कि अब ऐसे ‘जहरीले दिमाग’ जेल में होंगे, और हिंदू समाज को बांटने की किसी भी साजिश को नाकाम किया जाएगा।

मुहर्रम के नाम पर मजहबी गुंडागर्दी नहीं चलेगी

योगी आदित्यनाथ यहीं नहीं रुके। उन्होंने मुहर्रम के नाम पर फैलाई गई मजहबी हुड़दंग का भी जिक्र किया। उन्होंने दो टूक कहा कि ताजियों के जुलूस में उत्पात करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। चाहे वह किसी मजहब का हो- कानून सबके लिए बराबर है।

उन्होंने ताजियों के जुलूस में तलवारें चलाने, गजवा-ए-हिंद के नारे लगाने और हिंदू प्रतीकों को जलाने वाली घटनाओं पर चुप रहने वाले नेताओं को भी ललकारा। अखिलेश यादव, ममता बनर्जी और तमाम विपक्षी नेताओं से पूछा- “जब ताजिया में देशद्रोही नारे लगते हैं, तब आपकी आंखें क्यों बंद हो जाती हैं?”

हिंदू आस्था ही निशाने पर क्यों?

हर बार जब हिंदू त्यौहार आते हैं, कोई न कोई विवाद खड़ा कर दिया जाता है। कभी भोजन को लेकर, कभी पोस्टर को लेकर, कभी नारे को लेकर- लेकिन यही विवाद कभी बकरीद, मुहर्रम या ईद के जुलूसों में क्यों नहीं होते? क्या संविधान का पालन सिर्फ एक ही धर्म से अपेक्षित है?

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक स्पष्ट संदेश दिया है- अब कांवड़ियों को आतंकवादी कहने वालों को जवाब मिलेगा। न सिर्फ जुबान से, बल्कि कानून की लाठी से भी।

सवाल अब जनता के सामने है- क्या ऐसे दोहरे मापदंडों को और बर्दाश्त किया जाए? क्या हिंदू आस्था को बार-बार अपमानित करने वालों के खिलाफ अब निर्णायक कार्रवाई नहीं होनी चाहिए?
जवाब दो… क्योंकि अब सनातन जाग चुका है।