हल्द्वानी- कुमाऊं द्वार महोत्सव में पहुंचे सीएम धामी, लोक कलाकारों को किया सम्मानित

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CM Dhami in kumaun duar mohatsav

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को हल्द्वानी के एमबी इंटर कॉलेज मैदान में आयोजित पांच दिवसीय कुमाऊं द्वार महोत्सव में प्रतिभाग किया। इस दौरान सीएम ने लोक कलाकारों को भी सम्मानित किया।

संस्कृति का उत्सव है कुमाऊं द्वार महोत्सव: CM

सीएम ने कहा कि कुमाऊं द्वार महोत्सव यह केवल एक संस्कृति का उत्सव नहीं है बल्कि यह हमारी अस्मिता, हमारी पहचान और हमारी जड़ों से जुड़ा है। हर साल यहां प्रतिभाग करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि यह महोत्सव हमारे कलाकारों को भी एक मंच प्रदान करता है, उन्हें अपनी कला का प्रदर्शन करने का अवसर देता है और उनको सम्मानित करने का काम भी इस कुमाऊं द्वार महोत्सव के माध्यम से होता है।

उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर को दुनिया के सामने ला रहे लोक कलाकार

सीएम ने कहा यह आयोजन स्पष्ट प्रमाण है कि टेक्नोलॉजी और ग्लोबलाइजेशन के इस दौर में भी हमारी आने वाली पीढ़ी को हमारी जड़ों से जोड़ने का सुंदर कार्य यह महोत्सव कर रहा है, यहां के लोक कलाकारों ने भी अपने परिश्रम निष्ठा से उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर को दुनिया के सामने लाने का कार्य किया है। सीएम ने कहा हमारे लोक कलाकार उत्तराखंड की सीमाओं को लांघ कर विदेशों में भी देवभूमि की संस्कृति को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित कर रहे हैं।

लोक कलाकारों को दी जा रही पेंशन: CM

सीएम ने कहा कि सरकार राज्य की लोक भाषा और संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए निरंतर कार्य कर रही है। राज्य में लोक कलाकारों की सूची भी तैयार की जा रही है जिससे लोक कलाकारों को सत्यापित करने में सहायता भी मिल रही है | कोरोना काल के दौरान लगभग 3200 सूचीबद्ध कलाकारों को प्रतिमाह 2 हजार की आर्थिक सहायता भी प्रदान की गई थी, इसके अलावा लोक कला के क्षेत्र में अपना जीवन समर्पित करने वाले कलाकारों को प्रतिमाह पेंशन भी प्रदान की जा रही है।

लोक कलाकारों को आर्थिक सहायता दे रही राज्य सरकार

सीएम ने कहा गुरु शिष्य परंपरा के अंतर्गत 6 माह का लोक प्रशिक्षण कार्यशालाओं का आयोजन भी किया जा रहा है, इन्हीं कार्यशालाओं के माध्यम से युवा पीढ़ी को हमारी पौराणिक संस्कृति की महत्व के प्रति जागरूक किया जा रहा है | राज्य सरकार लोक कलाकारों को आर्थिक सहायता भी प्रदान कर रही हैं जिससे संस्कृति को सुरक्षित और विकसित करने में सहायता मिल रही है। सरकार उत्तराखण्ड साहित्य गौरव सम्मान, साहित्य भूषण, लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार के माध्यम से उत्कृष्ट साहित्यकारों को सम्मानित कर रही है।