रेलवे अतिक्रमण पर फैसले की घड़ी नजदीक, प्रशासन अलर्ट मोड़ में, यह बनी है सुरक्षा व्यवस्था #railwayinclosement

Ad
Ad
ख़बर शेयर करें

हल्द्वानी एसकेटी डॉट कॉम

रेलवे अतिक्रमण पर हाई कोर्ट फास्टट्रैक मोड में है न्यायमूर्ति शरद चंद तिवारी और आरसी खुल्बे की बेंच में लगातार 10:00 बजे से सुनवाई हो रही है इस मामले में पुरानी फैसला जो कि सुरक्षित रखा गया था उसे देखते हुए नए अर्जियों और जनहित याचिकाओं को भी सुना जा सकता है अगर सभी जनहित याचिकाएं और प्रार्थना पत्रों को भी जो इस फैसले के दरमियान आए थे उन्हें भी सुना गया तू भी यह मामला जल्दी ही फैसले तक पहुंच जाएगा.

हाईकोर्ट के फैसले के तहत प्रशासन मुस्तैद नजर आ रहा है प्रशासन ने हाईकोर्ट की सुरक्षा बढ़ा दी है अतिक्रमण के खिलाफ फैसला आने की स्थिति में किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद करने का दावा किया है इसके लिए हाईकोर्ट में एक प्लाटून पीएसी दोषियों समेत भारी फोर्स मौजूद रहेगी.

रेलवे के इस अतिक्रमण से 25000 लोग जद में है 746 और परिवारों के लिए यह फैसला अहम हो सकता है सीओ नैनीताल विवाह दीक्षित ने बताया कि फैसला आने तक हाईकोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था तेज कर दी गई है हाईकोर्ट में एक प्लाटून पीएसी दो सीओ, 2 इंस्पेक्टर,5 subinspector समेत भारी मात्रा में पुलिस फोर्स मौजूद रहेगा.

जिले के जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्बयाल ने बताया कि मामला रेलवे भूमि से जुड़ा है ऐसे में कोर्ट से जो भी फैसला आएगा रेलवे की मांग के अनुसार प्रशासन मदद उपलब्ध करा देगा.

वही सूत्र यह भी बता रहे हैं कि यह फैसला जल्द ही आ जाएगा अगर आज इसका फैसला नहीं हुआ तो सभी जनहित याचिका जो फैसले के सुरक्षित रखने के दौरान आई थी उन्हें भी सुनना जाएगा तो भी फास्टट्रैक के तहत जल्द ही फैसला आ सकता है.

माना यह जा रहा है कि हाई कोर्ट अब इस मामले को ज्यादा दिनों तक लंबित नहीं रख सकता है ले पर फैसला आने के लिए यह लगातार सुनवाई होगी जब तक फैसला नहीं आता तब तक सुनवाई लगातार चलती रहेगी. वही अतिक्रमण के खिलाफ याचिकाकर्ता रवि शंकर जोशी को भी यह लगता है कि फैसला जल्दी आ सकता है.

व्यवस्था चाक-चौबंद प्रशासन भी तैयार नजर आ रहा है अगर अतिक्रमण हटाने की पड़ी तो सूत्रों के अनुसार 6000 पुलिसकर्मियों के अलावा अर्धसैनिक बल 26 एडिशनल एसपी के अलावा 300 मजिस्ट्रेट अधिकारियों की जरूरत पड़ेगी.

इस अतिक्रमण में नेताओं समेत 25000 लोगों को शामिल माना जा रहा है निगम के कई वार्ड अस्तित्व विहीन हो सकते हैं.