ब्रेकिंग न्यूज़- धामी कैबिनेट का बड़ा फैसला!, इन 5 प्रस्तावों पर लगी मुहर

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Dhami Cabinet Meeting Decision: आज यानी रविवार 17 अगस्त को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Dhami) की अध्यक्षता में सचिवालय में कैबिनेट की बैठक हुई। धामी कैबिनेट खत्म होने के बाद कुल पांच प्रस्तावों पर मुहर लगी है। जिससे सबसे बड़ा फैसला यूसीसी से जुड़ा रहा। यूसीसी के तहत होने वाले रजिस्ट्रेशन के टाइम को बढ़ा दिया गया है। चलिए जानते है कैबिनेट ने किन प्रस्तावों पर मुहर लगाई है।

धामी कैबिनेट में इन 5 प्रस्तावों पर लगी मुहर CM Dhami Cabinet Meeting Decision

कैबिनेट ने आज यूसीसी के तहत होने वाले रजिस्ट्रेशन खासतौर से शादी रजिस्ट्रेशन की समय सीमा को बढ़ा दिया है।जिसके तहत अब लोग जनवरी 2026 तक रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। उस पर कैबिनेट ने अपनी मुहर लगाई है।

अल्पसंख्यक शिक्षा कल्याण बोर्ड के गठन के प्रस्ताव पर सहमति

साथ ही उत्तराखंड अल्पसंख्यक शिक्षा कल्याण बोर्ड के गठन के प्रस्ताव पर सहमति दी गई है। आज की कैबिनेट की बैठक में ये फैसला किया गया कि अगर उत्तराखंड में ईसाई या अन्य अल्पसंख्यक अपनी शिक्षण संस्थान (स्कूल) खोलते हैं तो उसके लिए अब बोर्ड से रजिस्ट्रेशन कराया जाएगा। इसके लिए एजुकेशन अथॉरिटी का गठन किया जा रहा है।

सेवा नियमावली पर कैबिनेट की मुहर

19 अगस्त से शुरू हो रहे विधानसभा के सत्र में आने वाले कई प्रस्ताव को लेकर भी कैबिनेट में चर्चा हुई। जिसमें विधेयक भी शामिल है। इसी तरह से आज की कैबिनेट की बैठक में सेवा नियमावली से संबंधित प्रस्ताव पर मुहर लगी है। बैठक में ये तय हुआ कि सुबोध उनियाल संसदीय कार्य मंत्री की जिम्मेदारी संभालेंगे।

अधिनियम की मुख्य विशेषताएँ –

1 – प्राधिकरण का गठन राज्य में उत्तराखंड राज्य अल्पसंख्यक शिक्षा प्राधिकरण का गठन किया जाएगा, जो अल्पसंख्यक शैक्षिक संस्थान का दर्जा प्रदान करेगा।

2 – अनिवार्य मान्यता – *मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध, जैन या पारसी समुदाय द्वारा स्थापित किसी भी शैक्षिक संस्थान को अल्पसंख्यक शैक्षिक संस्थान का दर्जा पाने हेतु प्राधिकरण से मान्यता प्राप्त करना अनिवार्य होगा।


3 – संस्थागत अधिकारों की सुरक्षा अधिनियम अल्पसंख्यक शैक्षिक संस्थानों की स्थापना एवं संचालन में हस्तक्षेप नहीं करेगा, बल्कि यह सुनिश्चित करेगा कि शिक्षा की गुणवत्ता और उत्कृष्टता बनी रहे।

4 – अनिवार्य शर्तें – मान्यता प्राप्त करने हेतु शैक्षिक संस्थान कासोसाइटी एक्ट, ट्रस्ट एक्ट या कंपनी एक्ट के अंतर्गत पंजीकरण होना आवश्यक है। भूमि, बैंक खाते एवं अन्य संपत्तियाँ संस्थान के नाम पर होनी चाहिए। वित्तीय गड़बड़ी, पारदर्शिता की कमी या धार्मिक एवं सामाजिक सद्भावना के विरुद्ध गतिविधियों की स्थिति में मान्यता वापस ली जा सकती है।

5 – निगरानी एवं परीक्षा – प्राधिकरण यह सुनिश्चित करेगा कि शिक्षा उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा बोर्ड द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार दी जाए और विद्यार्थियों का मूल्यांकन निष्पक्ष एवं पारदर्शी हो।

अधिनियम का प्रभाव – राज्य में अल्पसंख्यक समुदायों के शैक्षिक संस्थानों को अब पारदर्शी प्रक्रिय के माध्यम से मान्यता मिलेगी। शिक्षा की गुणवत्ता के साथ-साथ अल्पसंख्यकों के संवैधानिक अधिकार भी सुरक्षित रहेंगे।
राज्य सरकार के पास संस्थानों के संचालन की निगरानी करने और समय-समय पर आवश्यक निर्देश जारी करने की शक्ति होगी।

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