ब्रेकिंग – वन विभाग का अवैध अतिक्रमण पर नया आदेश, कइयों को मिली राहत
दून एसकेटी डॉट कॉम
वन भूमि पर अवैध रूप से बने मजारों और अन्य अतिक्रमण पर वन विभाग ने अपना नजरिया बदला है जिससे कई लोगों को राहत मिली है. मुख्यमंत्री द्वारा अतिक्रमण हटाने के लिए वन विभाग मुख्य वन संरक्षक डॉ पराग मधुकरधकाते को नामित किया था जिसके बाद वन विभाग ने लगातार अतिक्रमण को हटाते हुए 500 हेक्टेयर वन भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कर दिया.
इससे सबसे ज्यादा प्रभावित रामनगर तथा पश्चिमी वन प्रभाग के क्षेत्रों में बसे लोग थे जो कि गोठ, खतो,वन ग्राम तथा टोंगिया ग्रामों में रहते हैं इन पर भी विस्थापन की तलवार लटक गई थी जिसके बाद बंद विभाग ने इन की दिक्कतों को देखते हुए ने आदेश जारी किया है. इसके तहत नदी के किनारे अवैध रूप से बसे झालो झुग्गियों को तुरंत अतिक्रमण मुक्त करने तथा गोठ, खत्तो वन ग्राम तथा टोंगिया ग्रामों में रह रहे लोगों के लिए विस्थापन की नई नीति तैयार की जा रही है उसके लिए नेट आदेश जारी किए जाएंगे यह जाएगी इस आदेश के बाद गोठ खत्तो तथा टोंगिया और वन ग्राम में रहने वाले लोगों को राहत मिल गई है.
उत्तराखंड वन विभाग से आज की बड़ी खबर है मुख्य वन संरक्षक एवं अतिक्रमण हटाओ अभियान के नोडल अधिकारी डॉ पराग मधुकर धकाते ने सभी प्रभागीय वन अधिकारी, उप निदेशक वन विभाग को वन भूमि से अतिक्रमण हटाए जाने के संबंध में नया आदेश जारी किया है।
आदेश में कहा गया है कि उनके संज्ञान में आया है कि कई वन प्रभागो में वन क्षेत्राधिकारी, उप वन क्षेत्राधिकारी, वन दरोगा व वन आरक्षी द्वारा वन भूमि पर हुए अवैध अतिक्रमण को खाली कराए जाने के नोटिस रेंज स्तर से ही जारी किए जा रहे हैं जो कि भारतीय वन अधिनियम 1927 के प्रावधान के अनुरूप नहीं है।
लिहाजा वन भूमि पर अतिक्रमण हटाने का नोटिस जारी करने के लिए प्राधिकृत अधिकारी प्रभागीय वनाधिकारी हैं लिहाजा इस प्रक्रिया के अंतर्गत ही कार्यवाही सुनिश्चित करें तथा अपने अधीनस्थ फील्ड कार्मिकों को इसका प्रचार-प्रसार भी करें जिससे कि जनमानस में कोई भ्रम की स्थिति न उत्पन्न न हो पाए।
मुख्य वन संरक्षक डॉ पराग मधुकर धकाते ने अपने निर्देश में कहा है कि मुख्यमंत्री द्वारा 22 मई को आहूत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में की गई समीक्षा बैठक में निर्देश दिए गए हैं कि नदियों के किनारे जहां विभिन्न क्षेत्रों में उप खनिज चुगान कार्य चल रहा है उस वन क्षेत्र में नदियों के किनारे बसे अवैध झाले कच्चे मकान दुकान आदि को नियमानुसार तुरंत प्रभाव से हटाए जाने की कार्यवाही प्राथमिकता से की जाए।
इसके अलावा वन भूमि पर बसे गोठ, खत्ते, वन ग्राम एवं टोंगिया ग्रामों आदि क्षेत्रों के विनियमितीकरण/ विस्थापन हेतु नीति निर्धारण किया जाना है। अतः ऐसे क्षेत्रों हेतु प्रथक से नीति निर्धारण उपरांत ही कार्यवाही की जाएगी।
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