हरियाणा में बीजेपी सरकार खतरे में, इन विधायकों ने वापस लिया समर्थन, कांग्रेस कर सकती है खेल

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हरियाणा में बड़ा सियासी उलटफेर देखने को मिला है। हरियाणा की बीजेपी सरकार को समर्थन दे रहे तीन निर्दलीय विधायकों ने अपना समर्थन वापस ले लिया है। इसके बाद हरियाणा की बीजेपी सरकार अल्पमत में आ गई है।


हरियाणा में पिछले कुछ दिनों से चल रही सियासी हलचलों में अब से कुछ देर पहले एक बड़ा अपडेट आया है। हरियाणा के तीन निर्दलीय विधायकों ने अपना समर्थन वापस ले लिया है। इसके बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी की सरकार अल्पमत में आ गई है। जिन तीन विधायकों ने अपना समर्थन वापस लिया है उनके नाम चरखी दादरी से विधायक सोमवीर सांगवान , नीलोखेड़ी से विधायक धर्मपाल गोंदर और पुंडरी से विधायक रणधीर गोलन हैं। माना जा रहा है कि ये तीनों वो विधायक हैं जो मंत्रिमंडल में जगह ना मिलने की वजह से काफी दिनों से भाजपा से नाराज चल रहे थे। यही वजह रही कि इन्होंने समर्थन वापसी का ऐलान कर दिया।

कांग्रेस को समर्थन का ऐलान
वहीं समर्थन वापसी के ऐलान के साथ ही इन सभी निर्दलीय विधायकों ने कांग्रेस पार्टी को अपना समर्थन देने का ऐलान कर दिया। कांग्रेस को समर्थन देने वाले निर्दलीय विधायकों का कहना है कि बीजेपी सरकार की नीति जन विरोधी रही है। इसके कारण उन्होंने कांग्रेस को बाहरी समर्थन देने का फैसला किया। वह अब कांग्रेस का पूर्ण रूप से समर्थन देने का काम करेंगे। वहीं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष उदय भान ने कहा कि बीजेपी सरकार जेजेपी और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार चला रही थी, लेकिन आज बीजेपी की प्रदेश सरकार अल्पमत में है। प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू कर देना चाहिए।

अल्पमत में आई नायब सैनी सरकार
वहीं इन तीन विधायकों के समर्थन वापसी के बाद अब हरियाणा की नायब सैनी सरकार अल्पमत में आ गई है। 90 विधायकों वाली हरियाणा विधानसभा में मौजूदा वक्त में 88 विधायक हैं। ऐसे में अभी बीजेपी के पास सिर्फ 43 विधायकों का समर्थन बचा है जो बहुमत से कम हैं। नायब सैनी को उपचुनाव में जाना है और अगर वो चुनाव जीत गए तो कुल विधायकों की संख्या 89 हो जाएगी इसके बाद भी बीजेपी के पास दो तिहाई बहुमत नहीं हो पाएगा। ऐसे में बीजेपी सरकार के लिए मुश्किल होने वाला है