बिग ब्रेकिंग- सख्त भू कानून की चपेट में आये 64 पूंजीपति, कुमाऊ मे जांच से भू माफियाओं मे खलबली
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उत्तराखंड में भू कानून के सख्त होने से अब बाहरी राज्यों के पूंजीपतियों उनसे जुड़े हुए भूमाफियाओं में खलबली मची है
कुमाऊं मंडल की बात करें तो नैनीताल जिले में सबसे अधिक 64 अल्मोड़ा में 23 बागेश्वर चंपावत और पार्टी में कई मामले जांच के बाद मुकदमा दर्ज करने योग्य पाए गए हैं ।
प्रशासन अब इनके खिलाफ कार्रवाई करने तथा इन्हें नोटिस देने लगा है भू माफिया के साथ मिलकर बाहरी व्यक्ति ने ढाई सौ वर्ग फुट से अधिक की जमीन कृषि रिहायशी प्रयोजन के लिए खरीदी थी। लेकिन इन माफिया ने इनमें मुनाफे की फसल खड़ी कर इसे मुनाफा बनाना शुरू कर दिया है ।
माना यह जा रहा है कि इन सभी मामलों में प्रशासन सख्त हो गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद इन मामलों में प्रशासन की जांच के बाद मुकदमे दर्ज करने की तैयारी हो गई है हालांकि अभी भी कई मामलों की जांच चल रही है मुकदमे करने के लिए कई और नाम सामने आ सकते हैं ।
कमिश्नर दीपक रावत की ओर से भी लैंड फ्राड के कई मामले पर मुकदमे दर्ज कराए गए हैं इसके अलावा बाहरी व्यक्तियों के द्वारा यहां पर कृषि और रिहायशी प्रयोजन के नाम पर भूमि खरीदी तो उसे पर होटल रिसोर्ट और पॉलीहाउस खड़े कर मनमाने तरीके से जमीन का उपयोग करना शुरू कर दिया है
धारी के एसडीएम केएन गोस्वामी ने बताया कि बाहरी लोगों ने धारी तहसील में न्यूनतम 2 नाली से लेकर अधिकतम 3 हेक्टेयर तक भूमि खरीदी है। तहसील क्षेत्र में 70 मामलों की जांच की गई, जिनमें से 56 मामलों में भू-कानून का उल्लंघन और अनुमतियों का सही तरीके से पालन न करने की बात सामने आई है।
जांच में यह भी पाया गया कि कुछ परिवारों ने अपने सदस्यों के नाम पर अलग-अलग भूमि खरीदकर नियमों का उल्लंघन किया है।
इन 56 व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है, और उनकी भूमि को सरकार के अधीन करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। एसडीएम गोस्वामी ने बताया कि बाहरी लोगों ने धारी, धानाचूली, मुक्तेश्वर, पदमपुरी, चौखुटा, कसियालेख, भटेलिया और अन्य क्षेत्रों में भूमि खरीदी है। फिलहाल अन्य मामलों की जांच जारी है, और जांच में अनियमितताएं मिलने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
मुम्बई के पूंजीपति भरत विसंजी की 108 नाली भूमि सरकार में निहित कर ली गई है। 261 नाली भूमि पर कार्रवाई चल रही है। लमगड़ा के कपकोट गांव में सिने स्टार मनोज वाजपेयी की 15 नाली भूमि भी भू-कानून उल्लंघन के दायरे में आई है। वर्तमान में यह मामला न्यायालय में चल रहा है। यहां तक कि गरीबों से उनकी बेशकीमती जमीन को सस्ते में लेकर भी देवभूमि में जमीन की लूट का खेल का भी चल रहा है।
बागेश्वर में भी बदल दिया भूमि का उपयोग
बाहर से आए लोगों ने बागेश्वर जिले में भी भूमि खरीद और उसका उपयोग बदल दिया। इसको लेकर चार लोगों के नाम से दर्ज भूमि की जांच चल रही है। कौसानी में अवनीश कुमार झा ने 0.134 हेक्टेयर, अनीता कपूर ने 0.614 हेक्टेयर, कपकोट में मैमर्स ऊनी वस्त्र ने 0.014 हेक्टेयर, उत्तर भारत हाइड्रो पावर कंपनी ने 0.090 हेक्टेयर भूमि खरीदी थी।त्रिलोक खादी उद्योग सेवा समिति ने भी भूमि खरीदी, जिसका उपयोग अन्य कार्यों के लिए किया जा रहा है। कौसानी में अनीता ने 2005 में भूमि कृषि आधारित व्यवसाय एवं उद्योगों के प्रयोजन के लिए खरीदी। इसमें पर्यटन होटल, पालीहाउस तथा फुलवारी बना दी। दिल्ली के अवनीश कुमार झा ने 2022 में पर्यटन उद्योग के लिए खरीदी भूमि में निर्माण कार्य चल रहा है। अब इन पर अंकुश की तैयारी है।
चंपावत में एक परिवार के कई लोगों ने खरीदी जमीन
चंपावत जिले में जमीदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम के तहत निर्धारित 250 वर्ग मीटर से अधिक जमीन खरीद के तीन मामले हैं। 250 वर्ग मीटर मानक के भीतर 892 गैर उत्तराखंडियों ने भूमि खरीदी है। पूर्णागिरि तहसील में 758, चंपावत में 78, पाटी में 37, लोहाघाट में 17 व बाराकोट में दो मामले हैं।
जिला प्रशासन को जांच में यह भी मिला है कि एक ही परिवार के कई सदस्यों के नाम पर अलग-अलग भूमि खरीद ली गई है। इसकी विस्तृत रिपोर्ट मंगवाई गई है। दरअसल, यहां पर पूर्णागिरी धाम है। अन्य पर्यटन स्थल भी हैं। ऐसे में भी इस शांत क्षेत्र में भी मनमाने तरीके से खरीद का खेल चलता रहा।
व्यावसायिक और कृषि प्रयोजन के लिए बाहरी लोगों ने भूमि खरीदी। जिले में विशेष अनुमति प्राप्त कर सर्वाधिक जमीन की खरीद फरोख्त और उल्लंघन नैनीताल तहसील में सबसे अधिक हैं।इस लूट में नौकरशाह से लेकर भू-माफिया भी शामिल रहे। जमीन खरीदने वाले बेहद प्रभावशाली लोग हैं। रामनगर में भी उल्लंघन के मामले सामने आए हैं, जहां पर रिसार्ट बनाने को लेकर भूमि खरीद की होड़ सी मची है।
अल्मोड़ा में 23 मामलों में फिल्म अभिनेता भी शामिल
अल्मोड़ा में भू-कानूनों के उल्लंघन से संबंधित 23 मामले सामने आए है। इनमें से 10 मामले न्यायालय में चल रहे है। आठ मामलों प्रशासनिक जांच चल रही है। फिलहाल प्रशासन ने सभी लोगों को नोटिस जारी कर दिया है। पांच मामलों में उल्लंघन मिलने पर कार्रवाई होनी है।
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