बर्खास्त कर्मी विधानसभा के बाहर धरने पर बैठे, 2016 से पहले हुई नियुक्तियों की जांच की उठाई मांग
उत्तराखंड विधानसभा से बर्खास्त कर्मचारियों ने विधानसभा के सामने धरना शुरु कर दिया है। कर्मचारियों की मांग है कि 2016 के बाद के ही नियुक्त कर्मियों के ही खिलाफ कार्रवाई क्यों की गई है। उसके पहले के कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हुई? आपको बता दें विधानसभा से 228 कर्मियों को नियम विरुद्ध नियुक्ति बता कर कुछ महीनों पहले बर्खास्त कर दिया गया था।
इसके बाद से ही बर्खास्त कर्मी अदालतों के चक्कर काट रहे थे। हाईकोर्ट की डबल बेंच से निराशा मिलने के बाद कर्मियों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। वहां भी कर्मियों को निराशा मिली। सुप्रीम कोर्ट ने भी बर्खास्त कर्मियों की याचिका खारिज कर दी। इसके बाद अब बर्खास्त कर्मियों ने विधानसभा के बाहर धरना शुरु कर दिया है।
बर्खास्त कर्मियों का आरोप है कि 2016 से 2022 तक की अवधि के दौरान नियुक्त हुए कर्मियों की ही जांच क्यों कराई गई। राज्य निर्माण से लेकर अब तक विधानसभा में जितनी भी नियुक्तियां हुईं हैं उन सभी की जांच कराई जानी चाहिए।
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