AI करेगा इंसानों की नौकरियां खत्म! कंपनी के रिसर्चर ने क्यों की डराने वाली भविष्यवाणी
चीन की AI कंपनी डीपसीक के एक सीनियर रिसर्चर ने चेतावनी दी है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक लंबे समय में समाज के लिए खतरा बन सकती है। कंपनी ने किफायती कीमत में AI चैटबॉट विकसित कर अमेरिकी कंपनियों को टक्कर देने का काम किया है, लेकिन इसके प्रभाव को…
नेशनल डेस्क: चीन की AI कंपनी डीपसीक के एक सीनियर रिसर्चर ने चेतावनी दी है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक लंबे समय में समाज के लिए खतरा बन सकती है। कंपनी ने किफायती कीमत में AI चैटबॉट विकसित कर अमेरिकी कंपनियों को टक्कर देने का काम किया है, लेकिन इसके प्रभाव को लेकर रिसर्चर चेन डेली ने चिंता जताई।
चेन डेली ने कहा कि शॉर्ट टर्म में AI मानवता के लिए लाभकारी हो सकती है, लेकिन अगले 5-10 सालों में यह तकनीक लाखों नौकरियों को प्रभावित करेगी। इसके बाद 10-20 साल में AI ऐसे काम करने लगेगा, जो वर्तमान में इंसान कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह केवल तकनीक की बुराई नहीं है, बल्कि समाज पर इसके दीर्घकालिक प्रभाव को समझना बेहद जरूरी है।
नोबेल पुरस्कार विजेता भी जता चुके हैं चिंता
AI के शुरुआती रिसर्चरों में शामिल और नोबेल पुरस्कार विजेता जेफ्री हिंटन ने भी हाल ही में AI को लेकर गंभीर चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा था कि जैसे-जैसे कंपनियां अपने कर्मचारियों की जगह AI का उपयोग करेंगी, लाखों लोगों की नौकरियां खतरे में आएंगी। हिंटन ने यह भी कहा कि AI तकनीक का इस्तेमाल बड़ी कंपनियों के मुनाफे को बढ़ाने के लिए किया जा रहा है, जिससे आम लोगों को नुकसान होगा।
वह कहते हैं कि इस समस्या को केवल AI पर दोष नहीं डालना चाहिए। समस्या इसलिए उत्पन्न हो रही है क्योंकि हमारी सोसाइटी और इकोनॉमी को ऐसे ढांचे पर तैयार किया गया है, जहां मुनाफे को प्राथमिकता दी जाती है और लोगों की नौकरी की सुरक्षा पीछे छूट जाती है।क्या कहती है एक्सपर्ट राय
विशेषज्ञों का कहना है कि AI का विकास न केवल तकनीकी क्षेत्र में बदलाव ला रहा है, बल्कि सामाजिक और आर्थिक ढांचे को भी प्रभावित कर रहा है। समय रहते नियम, नीतियां और समाज में समायोजन न किया गया, तो आने वाले वर्षों में AI के दुष्प्रभाव गहरे हो सकते हैं।
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