कोलकाता रेप-मर्डर केस के बाद जागी पुलिस, अस्पतालों में महिलाओं की सुरक्षा के लिए बनाई SOP
कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप-मर्डर के बाद पूरे देशभर में आक्रोश है. कोलकाता कांड के बाद देहरादून पुलिस जाग गई है. दून और कोरोनेशन अस्पताल में सुरक्षा की दृष्टि से नियुक्त अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किता गया है. अब पुलिस बल 24×7 वायरलेस हैंडसेट के साथ दोनों अस्पतालों में नियुक्त रहेगा. देहरादून के मुख्य राजकीय चिकित्सालयों की सुरक्षा के लिए पुलिस द्वारा एसओपी तैयार की गयी है.
पुलिस ने बनाई अस्पतालों में महिलाओं की सुरक्षा के लिए SOP
दून अस्पताल परिसर में स्थापित पुलिस चौकी में नियुक्त पुलिस बल के साथ- साथ अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है. इसके साथ ही कोरोनेशन अस्पताल में भी सुरक्षा के दृष्टि से पुलिस बल की नियुक्ती की गई है।
अस्पतालों में नियुक्त पुलिस बल 24×7 वायरलेस हेडसेट के साथ ड्यूटी में नियुक्त रहेगा। ड्यूटी के दौरान पुलिस कर्मियो की मौजूदगी मुख्य रुप से अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में रहेगी और वह समय-समय पर चिकित्सालयों के अन्य स्थानों ओपीडी,पार्किग एरिया, वेटिग एरिया और तथा अन्य वार्डो में भी निरन्तर भ्रमण करेंगे. इसके साथ ही बाहरी असमाजिक तत्वों पर निगरानी रखेंगे.
चिकित्सालय परिसर में कानून व्यवस्था से सम्बन्धित अथवा किसी अपराधिक घटना के घटित होने पर उसकी सूचना तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों को देगे. चिकित्सालय में ड्यूटीरत महिला चिकित्सकों , महिला नर्स और अन्य महिला स्टॉफ की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देते हुए ड्यूटी के दौरान अपना व्यवहार पूरी तरह से प्रोफेशनल रखेंगे. जिससे महिलाओ में सुरक्षा की भावना उत्पन्न हो.
अस्पतालों में ड्यूटी के दौरान वह मौजूद चिकित्सकों और अस्पताल के जनसम्पर्क अधिकारी के सम्पर्क में रहेंगे. इसके साथ ही अस्पताल प्रबन्धन के साथ सहयोग को और प्रभावी बनाने के लिए ड्यूटीरत पुलिस कर्मी एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाएंगे, जिसमें सम्बन्धित थाना प्रभारी, चौकी प्रभारी, चिकित्सालय के जनसम्पर्क अधिकारी, मुख्यचिकित्सा अधिक्षक, महिला चिकित्सक, नर्स, सक्योरिटी हेड, एमरजेन्सी वार्ड में नियुक्त कर्मी और सम्बन्धित थाने के चीता कर्मचारियों के अलावा अन्य ऐसे व्यक्ति जो अस्पतालों की सुरक्षा की दृष्टि से आवश्यक हो उन्हे ग्रुप में जोड़ा जाएगा.
इसके अलावा सम्बन्धित क्षेत्र के चौकी प्रभारी चिकित्सालय में नियुक्त पुलिस कर्मियो के साथ जिला चिकित्सालयों में नियुक्त सभी कर्मचारियो का सत्यापन करते हुए उसका पूरा विवरण निर्धारित प्रारुप में एक रजिस्टर में तैयार करेंगे.
चिकित्सालय ड्यूटी में नियुक्त पुलिस कर्मी समय- समय पर अस्पताल परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों को चैक करते हुए इस बात को सुनिश्चित करेंगे की सभी कैमरे सही प्रकार से कार्य कर रहे हो. इसके साथ ही सुरक्षा की दृष्टि से अस्पताल परिसर के जिस स्थान पर सीसीटीवी कैमरे लगाना आवश्यक हो उसके सम्बन्ध में उचित माध्यम से सक्षम अधिकारियों को पत्राचार कर सीसीटीवी कैमरे लगाना सुनिश्चित करेंगे.
सम्बन्धित क्षेत्राधिकारी महीने में एक बार चिकित्सालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सुरक्षा पहलुओं पर समन्वय गोष्ठी आयोजित करेगे. गोष्ठी में सम्बन्धित चौकी प्रभारी और अस्पताल के कर्मियो को भी सम्मिलित किया जाएगा. इसके साथ ही रात में जोनल अधिकारी/सुपर जोनल अधिकारी रात्रि चैकिग के दौरान नियमित रुप से अस्पताल में नियुक्त किये गए पुलिस कर्मियो को चैक करेंगे.
इसके अलावा सभी थाना प्रभारियों को निर्देशित किया गया है कि वह अपने-अपने थाना क्षेत्रों में स्थित निजी अस्पतालों को नोटिस देते हुए उन्हें अपने अस्पताल में सिक्योरिटी ऑडिट कराने और अस्पताल की सुरक्षा में नियुक्त सभी कर्मचारियों का पुलिस वेरीफिकेशन कराने के निर्देश दें. इसके साथ ही उनसे अपने संस्थानों में लगे सभी सीसीटीवी कैमरों के सही हालत में होने की रिपोर्ट भी मांगे.
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